हिंदूओं पर हो रहे हमलों के बीच भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री 9 दिसंबर को बांग्लादेश जा रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में दोनों देश के बीच खटास काफी बढ़ गई है. पड़ोसी मुल्क में हिंदू समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है. वहां के नेता भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी से लेकर दुनिया के कई नेताओं ने इस बात पर चिंता जाहिर की है.
मंत्रालय ने कहा कि सीरिया में हमारा मिशन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर उनके साथ संपर्क में है. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को लेकर मंत्रालय ने कहा, 'हम इस मुद्दे पर पहले भी बात कर चुके हैं. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी दी है कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री का 9 दिसंबर को बांग्लादेश का दौरा करने का कार्यक्रम है और वह अपने समकक्ष से मुलाकात करेंगे.
दोनों देश के बीच रिश्ते खराब
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन हुआ है, जिसके बाद से देश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर नजर आने लगी है. इस अस्थिरता ने विशेष रूप से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को प्रभावित किया है. हाल ही में वहां हिंदू विरोधी हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिनसे भारत में भी गहरी चिंता पैदा हुई है. प्रधानमंत्री मोदी सहित कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने इस मुद्दे पर बांग्लादेश सरकार से त्वरित और सख्त कदम उठाने की मांग की है. यह बैठक दोनों देशों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देशों के बीच कई जटिल मुद्दों पर बातचीत होगी. इन मुद्दों में व्यापार, सुरक्षा, सीमा विवाद, और सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा शामिल हो सकती है. दोनों देशों के राजनयिकों को उम्मीद है कि इस वार्ता से आपसी समझ बढ़ेगी और विवादों का समाधान निकाला जा सकेगा.
भारत और बांग्लादेश के बीच के रिश्ते ऐतिहासिक दृष्टि से मजबूत रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने इन रिश्तों में खटास ला दी है. 9 दिसंबर को होने वाली वार्ता से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश एक सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों की चिंताओं का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे. हालांकि, बांग्लादेश में धार्मिक असहनशीलता और हिंसा की घटनाएं इन रिश्तों के लिए बड़ी चुनौती बन सकती हैं, जिससे दोनों देशों को एक-दूसरे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः साबित करने की आवश्यकता होगी.