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India Daily

कैश के खेल का पर्दाफाश: दिल्ली हाईकोर्ट के जज के घर लगी आग ने खोली पोल, हुआ तबादला

Justice Yashwant Varma: दिल्ली उच्च न्यायालय के जज यशवंत वर्मा के निवास पर आग लगने से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की गई, जिसके बाद हड़कंप मच गया. वहीं इस घटना के बाद उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया है.

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Edited By: Ritu Sharma
Delhi High Court
Courtesy: Social Media

Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के सरकारी आवास पर अचानक आग लगने से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई, जिससे न्यायिक गलियारों में सनसनी फैल गई. इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला कर दिया.

बता दें कि आग लगने के समय जस्टिस वर्मा शहर में मौजूद नहीं थे. उनके परिवार ने तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी. जब आग पर काबू पाया गया, तो बचाव दल को बंगले के एक कमरे में भारी मात्रा में नकदी मिली. इस अप्रत्याशित बरामदगी के बाद, आधिकारिक रिकॉर्ड दर्ज किए गए और मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई.

Delhi High Court
Delhi High Court Social Media

सरकार तक पहुंची खबर, सुप्रीम कोर्ट ने की त्वरित कार्रवाई

वहीं स्थानीय पुलिस द्वारा उच्च अधिकारियों को सूचना देने के बाद, मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा. इसके बाद, मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल कॉलेजियम बैठक बुलाई. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जस्टिस वर्मा को तुरंत दिल्ली हाईकोर्ट से हटाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित किया जाए.

क्या इस्तीफा लेना था बेहतर विकल्प?

हालांकि, कुछ वरिष्ठ न्यायाधीशों का मानना था कि सिर्फ स्थानांतरण से मामला हल नहीं होगा. उनका सुझाव था कि जस्टिस वर्मा से इस्तीफा मांगा जाना चाहिए. यदि वे इनकार करते हैं, तो उनके खिलाफ संवैधानिक जांच प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए.

कैसे होती है जजों के खिलाफ जांच?

संवैधानिक न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार या अनियमितता की जांच के लिए 1999 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई इन-हाउस प्रक्रिया लागू की जाती है. इस प्रक्रिया के तहत -

  • CJI पहले न्यायाधीश से जवाब मांगते हैं.
  • यदि जवाब संतोषजनक न हो, तो सुप्रीम कोर्ट के एक जज और दो हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों की इन-हाउस जांच समिति गठित की जाती है.
  • गंभीर मामलों में संसद द्वारा महाभियोग की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है.