INS अरिघात से खतरनाक परमाणु मिसाइल K-4 का परीक्षण, पाकिस्तान और चीन की अब खैर नहीं

Missile K-4: तीसरे विश्वयुद्ध को लेकर चल रही खबरों के बीच भारत ने परमाणु हथियारों के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. भारत ने INS अरिघात से  K-4 मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसकी मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है.

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Kamal Kumar Mishra

Missile K-4: भारत ने INS अरिघात से खतरनाक परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 3500 किलोमीटर है. आईएनएस अरिघात परमाणु ऊर्जा संचालित पनडुब्बी है, जिसे अगस्त महीने में ही भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. अब इसी अरिघात से परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया गया है.  

भारतीय नौसेना ने इस मिसाइल का परीक्षण बुधवार को विशाखापत्तनम के समुद्री तट पर किया. इस मिसाइल परीक्षण में K-4 मिसाइल शामिल थी, जो एक ठोस ईंधन वाली SLBM है. यह INS अरिघात से K-4 मिसाइल का पहला परीक्षण था, जिसे अगस्त में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. पिछले कई सालों से K-4 का परीक्षण अब तक केवल सबमर्सिबल पोंटून से ही किया जाता रहा है. परमाणु पनडुब्बी INS अरिघात का संचालन स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड करता है.  

पहले से जारी किया गया था अलर्ट

भारत ने 27 से 30 नवंबर के बीच 3,490 किलोमीटर के उड़ान गलियारे में मध्यम दूरी की मिसाइल के परीक्षण के लिए एयरमेन को नोटिस (NOTAM) और सार्वजनिक चेतावनी जारी की थी.सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के परिणामों का विस्तृत विश्लेषण किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि मिसाइल ने अपने परीक्षण मापदंडों और उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया या नहीं.

इस मामले में अमेरिका, रूस और चीन आगे

K-4 मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने देश की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को हथियार देने के लिए विकसित किया है. अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के पास पहले से ही 5,000 किलोमीटर से ज़्यादा रेंज वाली SLBM हैं. 6 हजार टन वजनी आईएनएस अरिघात भारत की नवीनतम परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी है, जो देश की दूसरी-हमलावर क्षमता को मजबूत करती है. पहली परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी, आईएनएस अरिहंत, जिसे 2016 में सेवा में शामिल किया गया था, केवल 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 मिसाइलों से लैस है.

2025 में INS अरिघात से भी खतरनाक आएगी पनडुब्बी

आईएनएस का नया वर्जन इससे भी खतरनाक होगा, बताया जा रहा है कि आईएनस की तीसरी पनडुब्बी 7 हजार टन वजनी होगी. तीसरी पनडुब्बी मौजूदा दोनों पनडुब्बियों से बड़ी और अधिक सक्षम होगी. इसे अगले साल सेना में शामिल किए जाने की संभावना है.