राजीव गांधी, एलएसी, भारतीय सेना... भारत-चीन गतिरोध पर क्या-क्या बोले जयशंकर?
India China Standoff: विदेश मंत्री जयशंकर ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में विकसित भारत कार्यक्रम में राजीव गांधी, एलएसी, भारतीय सेना पर खुलकर बात की है. उन्होंने भारत-चीन गतिरोध पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर फिलहाल दोनों देशों की सेनाओं की तैनाती को असमान्य बताया और कहा कि देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए.
India China Standoff: विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने मंगलवार को चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बलों की तैनाती को असामान्य बताया और कहा कि देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि 1962 के बाद, राजीव गांधी 1988 में चीन गए, जो चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था. ये सब इसलिए था कि हम अपने सीमा मतभेदों पर चर्चा करेंगे, हम शांति बनाए रखेंगे.
जयशंकर ने कहा कि अब जो बदल गया है, वो 2020 में हुआ है. 2020 में चीनी सरकार कई समझौतों का उल्लंघन करते हुए हमारी सीमा पर बड़ी संख्या में सेना लेकर आए और उन्होंने ऐसा उस समय किया जब हम कोरोना लॉकडाउन का सामना कर रहे थे. मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने जवाबी कार्रवाई में बल की तैनाती की और अब चार बार बलों को गलवान में सामान्य आधार पदों से आगे तैनात किया गया है .
जयशंकर बोले- एलएसी पर तैनात असामान्य तैनात है
एलएसी पर ये बहुत ही असामान्य तैनाती है. दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए...भारतीय नागरिक के रूप में हममें से किसी को भी देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं करनी चाहिए...ये आज एक चुनौती है. उन्होंने कहा कि एक आर्थिक चुनौती भी है, जो पिछले वर्षों में विनिर्माण और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की उपेक्षा के कारण है.
बीजिंग के साथ शेष मुद्दों का समाधान
मंत्री ने जोर देकर कहा कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों की वापसी सीमा पर शांति पर निर्भर है. विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने कहा कि 2020 में, चीन ने कई समझौतों का उल्लंघन करते हुए उस समय सीमा पर बड़ी संख्या में सेनाएं जुटाई जब भारत कोरोना लॉकडाउन से जूझ रहा था. इसके बाद हमने अपनी सेनाओं की जवाबी तैनाती करके जवाब दिया...आज, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर असामान्य तैनाती है.