भारत और चीन ने मंगलवार को बीजिंग में सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय कार्य तंत्र (WMCC) की बैठक में सीमा पार सहयोग को फिर से शुरू करने पर विचार-विमर्श किया. इसमें सीमा पार नदियों और कैलाश-मानसरोवर यात्रा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया. यह बैठक पिछले अक्टूबर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के लद्दाख क्षेत्र में सैन्य गतिरोध खत्म करने के समझौते के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में एक कदम है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वैश्विक स्थिरता के लिए भारत-चीन सहयोग को जरूरी बताया था.
सकारात्मक माहौल में बातचीत
The 33rd meeting of the Working Mechanism for Consultation and Coordination (WMCC) on #China-India Border Affairs was held in Beijing today.
— Xu Feihong (@China_Amb_India) March 25, 2025
Both sides, adopting a positive, constructive, and forward-looking approach, conducted a comprehensive and in-depth exchange of views on… pic.twitter.com/KmYE45BLab
सैन्य और कूटनीतिक तंत्र मजबूत करने का संकल्प
दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन के लिए कूटनीतिक और सैन्य तंत्र को बनाए रखने और मजबूत करने पर जोर दिया. साथ ही, इस साल के अंत में भारत में होने वाली विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक की तैयारियों के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया. विशेष प्रतिनिधि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी हैं. 18 दिसंबर को बीजिंग में हुई पिछली बैठक में दोनों ने सीमा पर शांति बनाए रखने और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की थी.
कैलाश यात्रा और नदी डेटा पर सहमति
पिछली बैठक में डोभाल और वांग ने कैलाश-मानसरोवर यात्रा, नदी डेटा साझा करने और सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने की जरूरत पर सहमति जताई थी. यह बैठक उस दिशा में एक कदम है.