menu-icon
India Daily

भारत-चीन संबंधों को सुधारने के प्रयास जारी, क्या कम होगा तनाव?

बयान में कहा गया कि उन्होंने लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान को और सुविधाजनक बनाने तथा बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने, मीडिया और थिंक टैंकों के बीच बातचीत तथा राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने की व्यवस्था करना शामिल है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
india-china
Courtesy: Social Media

भारत और चीन ने बुधवार को द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं. इसके तहत दोनों देश ने लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की. दोनों पक्ष बीजिंग में विदेश मंत्रालयों के बीच आधिकारिक परामर्श में इस समझौते पर पहुंचे. सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र की बैठक के एक दिन बाद, जिसमें सीमा पार सहयोग विशेष रूप से सीमा पार नदियों और कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रा पर फिर से शुरू करने पर चर्चा की गई.

दोनों बैठकें नई दिल्ली और बीजिंग द्वारा पिछले अक्टूबर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के लद्दाख क्षेत्र में सैन्य गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक समझौते के बाद अपने संबंधों को फिर से शुरू करने के प्रयासों का हिस्सा थीं. इस विवाद ने संबंधों को छह दशक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया था. इस समझौते के दो दिन बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी शहर कज़ान में मुलाकात की और संबंधों को सामान्य बनाने के लिए कई तंत्रों को पुनर्जीवित करने पर सहमति व्यक्त की.

दोनों पक्षों के विदेश सचिव के बीच बैठक

भारतीय विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग के बीच 27 जनवरी को हुई बैठक में सहमत रणनीतिक दिशा और विशिष्ट कदमों को लागू करने के लिए अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की.

कई मुद्दों पर बनी सहमति

बयान में कहा गया कि उन्होंने लोगों के बीच आपसी आदान-प्रदान को और सुविधाजनक बनाने तथा बढ़ावा देने के प्रयासों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने, मीडिया और थिंक टैंकों के बीच बातचीत तथा राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने की व्यवस्था करना शामिल है.

अप्रैल-मई 2020 में एलएसी के लद्दाख सेक्टर में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़पों और उसी वर्ष जून में गलवान घाटी में हुई  झड़प के बाद भारत-चीन संबंध 1962 के सीमा युद्ध के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. इस झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहिद हो गए थे. चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे.