India Foreign Policy: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में दिए गए एक बयान में स्पष्ट किया कि भारत ब्रिक्स (BRICS) के माध्यम से डॉलर के प्रभाव को कमजोर करने या किसी साझा मुद्रा को अपनाने की किसी योजना का हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत, समूह के एक संस्थापक सदस्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच ब्रिक्स की गतिविधियों को बेहतर समझाने के लिए प्रयासरत है.
बता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ब्रिक्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. इस संदर्भ में, जयशंकर ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में कहा, ''ब्रिक्स एक ऐसा मंच है जिसकी सदस्यता और एजेंडा पिछले दो दशकों में व्यापक रूप से बढ़ा है. हमारा उद्देश्य वैश्विक मंच पर ब्रिक्स की भूमिका को स्पष्ट करना और मजबूत करना है.''
डॉलर के खिलाफ नहीं भारत की नीति
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत की आर्थिक और रणनीतिक नीति का हिस्सा डॉलर पर हमला करना नहीं है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने इस मामले पर अमेरिकी अधिकारियों को द्विपक्षीय बैठकों में कई बार अपना रुख स्पष्ट कर दिया है.
ब्रिक्स देशों की भिन्न प्राथमिकताएं
ट्रंप की धमकियों और ब्रिक्स के भीतर मतभेदों पर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ''यह स्वाभाविक है कि विभिन्न स्तरों के विकास और राष्ट्रीय हितों को देखते हुए, ब्रिक्स सदस्य समकालीन मुद्दों पर अलग-अलग विचार रखते हैं.'' उन्होंने आगे कहा कि ब्रिक्स की चर्चाओं का उद्देश्य साझा आधार तलाशना और बहुध्रुवीयता को बढ़ावा देना है.
ट्रंप ने ब्रिक्स को 'मृत' बताया
पिछले महीने, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि ब्रिक्स अब मृत हो चुका है, क्योंकि इसमें 11 सदस्य देश और नौ साझेदार देश शामिल हैं और उन्होंने इनके खिलाफ 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी.