India-Bangladesh: भारत और बांग्लादेश की सीमा पर आतंकी हमलों की एक नई साजिश का खुलासा हुआ है, जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई और बांग्लादेश के अस्थायी सरकार के कुछ प्रभावशाली सदस्य शामिल हैं. इस साजिश के तहत पाकिस्तान से भेजे गए हथियारों का इस्तेमाल कर आतंकवादी संगठन "हर्कत-उल-जिकाद" (HuJI) द्वारा बड़ा हमला करने की योजना बनाई जा रही है.
हाल ही में मिले खुफिया दस्तावेजों के अनुसार, बांग्लादेश से भागे हुए अपराधियों और आतंकवादियों के एक समूह ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई है. इन आतंकवादियों को पाकिस्तान से अत्याधुनिक हथियार प्राप्त हुए हैं. इसे पाकिस्तान ने 1971 के युद्ध के दौरान भेजा था. इन हथियारों का इस्तेमाल अब 53 साल बाद बांग्लादेश में छुपे हुए आतंकवादी समूहों द्वारा किया जा सकता है.
इस साजिश में "हर्कत-उल-जिकाद" जैसे संगठन भी शामिल हैं, जो अपने कार्यों के लिए कुख्यात हैं. जानकारी के अनुसार, इस समूह के सदस्यों का संपर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई और बांग्लादेश के अस्थायी सरकार के कुछ सदस्यों से है. यह संलिप्तता सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है.
सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश से जेल से भागे हुए करीब 50 आतंकवादी और अपराधी मिलकर एक नई आतंकवादी संगठन बना चुके हैं. यह संगठन भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर आतंकवादी हमले की योजना बना रहा है. बांग्लादेश की सरकार और वहां के अस्थायी शासक वर्ग पर आरोप है कि वे इन आतंकवादियों की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं, या कम से कम उनकी मदद कर रहे हैं.
इस संगठन को पाकिस्तान के आईएसआई का भी समर्थन प्राप्त है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह हमला केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका उद्देश्य भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाना और भारत के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती पैदा करना हो सकता है.
पाकिस्तान का इस पूरे षड्यंत्र में एक अहम रोल है. 1971 के युद्ध के समय पाकिस्तान ने बांग्लादेश के रास्ते से हथियारों की तस्करी की थी, और अब यह हथियार फिर से आतंकवादी गतिविधियों में उपयोग किए जा रहे हैं. इन हथियारों के माध्यम से भारतीय सुरक्षा बलों पर हमला करने की योजना बनाई जा रही है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इन हथियारों के जरिए सीमा पर आतंकवादी हमले की घटना को अंजाम दिया जा सकता है, जो भारतीय सुरक्षाबलों के लिए एक गंभीर चुनौती बनेगी. पाकिस्तान की आईएसआई का इस साजिश में हाथ होना, इसे और भी खतरनाक बना देता है, क्योंकि इस तरह के हमले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ा मुद्दा बनाया जा सकता है.
भारत की खुफिया एजेंसियां और सीमा सुरक्षा बल (BSF) इस खतरे को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं. सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सीमावर्ती इलाकों में गुप्त निगरानी भी बढ़ा दी गई है, ताकि इस संभावित हमले से पहले उसे नाकाम किया जा सके.
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई नहीं चाहती कि भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव किसी भी कीमत पर कम हो. यही वजह है कि इस नए आतंकी संगठन को पैसे के साथ-साथ हथियार भी दिए जा रहे हैं.