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पैतृक संपत्ति, सोना बेचने पर अब देना होगा ज्यादा टैक्स, सरकार ने हटा दिया Indexation

विपक्ष ने इंडेक्सेशन के लाभ को हटाए जाने को निराशाजनक बताया है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इसका मतलब ये है कि अगर कोई आज अपना घर बेचता है तो उसे ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए सरकार का यह फैसला एक झटके की तरह है. हालांकि रियल एस्टेट डेवलपर्स ने इस फैसले पर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है.

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Courtesy: social media

Budget 2024: अगर आप पैतृक संपत्ति बेचने का विचार कर रहे हैं या घर में सालों से रखे सोने को बेचने जा रहे हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. पैतृक संपत्ति या परिवार के सोने को बेचने पर अब आपको ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. वित्त मंत्री द्वारा मंगलवार को पेश किए गए बजट में प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट्स को हटा दिया गया है. बजट में हुई इस घोषणा के बाद रियल एस्टेट कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए. इंडेक्सेशन लाभ को हटाए जाने से प्रॉपर्टी में निवेश करने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी है.

घटाया गया लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 

यूनियन बजट 2024 मं प्रॉपर्टी बेचने पर मिलने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स  (LTCG) को 20% से घटाकर 12.5% किया गया है लेकिन इसके साथ सरकार ने इंडेक्सेशन बेनिफिट को हटा लिया है. इंडेक्सेशन बेनिफिट के हटने से अब संपत्ति बेचने वालों को ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. बता दें कि प्रॉपर्टी के अलावा गोल्ड और अन्य गैरसूचीबद्ध संपत्ति के बेचने पर भी अब तक इंडेक्सेशन लाभ मिलता था जो अब नहीं मिलेगा.

सरकार ने यह कहते हुए इंडेक्सेशन लाभ को हटाया है कि इससे करदाताओं और कर विभाग को कैपिटल गेन टैक्स की गणना करने में आसानी होगी.

क्या होता है इंडेक्सेशन 
इंडेक्सेशन मुद्रास्फीति (Inflation) के लिए परिसंपत्ति के खरीद मूल्य को समायोजित करता है, जिससे कर योग्य लाभ और कर देनदारियां कम हो जाती हैं. इस समायोजन के बिना, करदाताओं को कम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) दर के बावजूद बढ़े हुए कर का सामना करना पड़ सकता है.

उदाहरण के तौर पर अब तक नियम यह था कि अगर आपने 2001 में कोई प्रॉपर्टी 100 रुपए में खरीदी और 2024 रुपए में 500 रुपए में बेच दी, तो मुद्रास्फिती के लिए उसमें इंडेक्स प्राइज पर्चेज को भी जोड़ा जाएगा जिससे आपका कर योग लाभ कम हो जाएगा और आपको कम टैक्स चुकाना पड़ेगा.

अगर आपको अपनी प्रॉपर्टी पर सालाना 10% का लाभ हुआ हो तो इंडेक्सेशन के हिसाब से इसमें 4% महंगाई जुड़ जाएगी और आपका वास्तविक लाभ केवल 6% आएगा इससे आपको केवल 6% लाभ पर ही टैक्स देना होता था लेकिन अब आपको पूरे 10% पर टैक्स देना होगा.

क्या कहते हैं रियल एस्टेट डेवलपर्स
हालांकि रियल एस्टेट डेवलपर्स ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के प्रबंध निदेशक अमित गोयल ने कहा कि रियल एस्टेट लेनदेन के लिए LTCG  को 20% से घटाकर 12.5% करना एक स्वागत योग्य कदम है. भले ही सरकार ने इससे इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया हो.

गोयल ने कहा कि इससे संपत्ति के लेन-देन में अधिक लिक्विडिटी को बढ़ावा मिलेगा और विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में अधिक एकरूपता आएगी, जो कि निवेशकों की लंबे समय से मांग थी.

हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल इंडेक्सेशन लाभ को हटाने को एक बड़े बदलाव के रूप में देखते हैं जिससे रियल एस्टेट लेनदेन पर टैक्स का बोझ बढ़ सकता है. LTCG  टैक्स की दर में कमी के बावजूद, उनका मानना ​​​​है कि इस बदलाव से संपत्ति विक्रेताओं को अधिक टैक्स चुकाना पड़ सकता है.

विपक्ष ने की आलोचना

हालांकि विपक्ष ने इंडेक्सेशन के लाभ को हटाए जाने को निराशाजनक बताया है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि इसका मतलब ये है कि अगर कोई आज अपना घर बेचता है तो उसे ज्यादा टैक्स चुकाना होगा. उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए सरकार का यह फैसला एक झटके की तरह है.

 

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