कांग्रेस ने शनिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाइयों के जवाब में अपनी रणनीति पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव, राज्य प्रभारी और फ्रंटल संगठनों के प्रमुख शामिल हुए. खड़गे ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि कांग्रेस को बीजेपी के "झूठे नैरेटिव" का मुकाबला करना होगा और मामले की सच्चाई को स्पष्ट रूप से जनता के सामने लाना होगा.
ईडी के खिलाफ देशव्यापी "मेगा एक्शन"
पार्टी ने केंद्रीय एजेंसियों, विशेष रूप से ईडी, के कथित दुरुपयोग के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में देशव्यापी "मेगा एक्शन" की योजना बनाई है. इससे पहले, खबरें थीं कि कांग्रेस शनिवार को दोपहर 4 बजे इंदिरा भवन में होने वाली एक अहम बैठक में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना पर निर्णय ले सकती है. उसी दिन, मुंबई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. कुछ कार्यकर्ताओं ने इमारत में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने समय रहते गेट बंद कर उन्हें रोक दिया.
आज AICC महासचिवों, प्रभारियों और फ्रंटल संगठनों के अध्यक्षों की बैठक में मेरे शुरुआती वक्तव्य के अंश —
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 19, 2025
पिछले 8-9 अप्रैल को हम सभी लोग अहमदाबाद AICC सत्र में मिले थे। आप सभी को मैं इस सेशन की ऐतिहासिक सफलता के लिए बहुत बधाई देता हूं।
इस सेशन में पारित Resolution को आप सभी ने… pic.twitter.com/53fo6yWMJs
ईडी की चार्जशीट और कोर्ट की कार्रवाई
ईडी ने हाल ही में नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत चार्जशीट दाखिल की, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम शामिल हैं. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 9 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई की और अगली तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की. चार्जशीट में कांग्रेस से जुड़े सुमन दूबे, सैम पित्रोदा, यंग इंडियन कंपनी, डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और डोटेक्स के अधिकारी सुनील भंडारी का भी उल्लेख है.
कांग्रेस का आरोप: "राजनीतिक प्रतिशोध"
कांग्रेस ने बुधवार को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की चार्जशीट की आलोचना करते हुए इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया. पार्टी ने सवाल उठाया कि बीजेपी या उसके सहयोगी नेताओं के खिलाफ ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं की गई.