केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सरकार उन लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार है जो पर्यटक के तौर पर या शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और व्यवसाय के लिए भारत आना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग खतरा पैदा करेंगे उनसे गंभीरता से निपटा जाएगा. उन्होंने लोकसभा में आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 पर बहस में भाग लेते हुए यह टिप्पणी की, जिसे निचले सदन ने पारित कर दिया.
अमित शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार केवल उन लोगों को भारत आने से रोकेगी जिनके इरादे गलत हैं. उन्होंने कहा कि देश कोई धर्मशाला नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वालों को देश में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी. देश कोई ' धर्मशाला ' नहीं है. अगर कोई देश के विकास में योगदान देने के लिए देश में आता है तो उसका हमेशा स्वागत है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित विधेयक देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा, अर्थव्यवस्था और व्यापार को बढ़ावा देगा, साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों को भी बढ़ावा देगा. उन्होंने यह भी कहा कि आव्रजन विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि देश को भारत आने वाले हर विदेशी के बारे में नवीनतम जानकारी मिले.
म्यांमार से रोहिंग्या और बांग्लादेशियों द्वारा भारत में अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर बात करते हुए शाह ने कहा कि निजी लाभ के लिए भारत में शरण लेने वाले ऐसे लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे देश असुरक्षित हो गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर घुसपैठिए भारत में अशांति फैलाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा और 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे विकसित राष्ट्र बनने में मदद करेगा. उन्होंने कहा, 'मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे देश में आने वाले हर विदेशी के बारे में हमारे पास अद्यतन जानकारी होगी.'
उन्होंने कहा कि मैं उन सभी का स्वागत करता हूं जो पर्यटक के रूप में, शिक्षा के लिए, स्वास्थ्य सेवा के लिए, अनुसंधान एवं विकास के लिए, व्यापार आदि के लिए भारत आना चाहते हैं. लेकिन जो लोग देश के लिए खतरा बनकर आएंगे, हम उन पर कड़ी नजर रखेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे.