Weather Forecast: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी 19 दिसंबर तक तमिलनाडु में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी का ऐलान किया है. इस दौरान राज्य के कई इलाकों में बारिश की तीव्रता और असर बढ़ने की संभावना है. इस दौरान आईएमडी ने कहा, "17 और 18 दिसंबर को भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि 16 से 19 दिसंबर तक कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है.
आईएमडी का कहना है कि मछुआरों को 16 और 17 दिसंबर को पश्चिम-मध्य अरब सागर में या 17 और 18 दिसंबर के बीच तमिलनाडु तट, कोमोरिन क्षेत्र और मन्नार की खाड़ी में मछली पकड़ने से बचने की सलाह दी गई है. यहां समुद्र की स्थिति बेहद खराब हो सकती है.
IMD ने जारी किया मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने कहा,' 16 दिसंबर यानि कि सोमवार को रामनाथपुरम, पुडु्क्कोट्टई, तंजावुर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम, मायलादुथुराई और कराईकल क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है. इसके साथ ही 17 दिसंबर (मंगलवार) को नागपट्टिनम, तिरुवरूर, कडलूर, मायलादुथुराई, कराईकल में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा, अरीयालूर, तंजावुर, पेराम्बलुर, पुडु्क्कोट्टई, त्रिची, विलुप्पुरम, चेंगलपट्टू, कल्लाकुरीची, पुडुचैरी, तटीय आंध्र प्रदेश और रेयालासेमा के कुछ इलाकों में भी भारी बारिश हो सकती है.
वहीं, आईएमडी ने बारिश को लेकर जारी अलर्ट में कहा कि आगामी 18 दिसंबर को कडलूर, विलुप्पुरम और पुडुचैरी में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा केरल में 19 दिसंबर को कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. ॉ
तमिलनाडु में आ सकता है तूफान का कहर!
मौसम विभाग की मानें तो 16 दिसंबर यानि कि सोमवार को तमिलनाडु के कुछ इलाकों में आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है. साथ ही 17 दिसंबर को भी मौसम विभाग ने तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और रेयालासेमा में भी कुछ जगहों पर आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना का अनुमान जताया है.
भारी बारिश से जनजीवन हो सकता है अस्त-व्यस्त
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, तमिलनाडु के अंदरूनी इलाकों में अगले 24 घंटों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. ऐसे में और जलभराव के कारण निचले इलाकों की सड़कों पर स्थानीय बाढ़ और जलभराव हो सकता है. खासतौर पर शहरी इलाकों में अंडरपास बंद हो सकते हैं. इसके साथ ही शहरों में यातायात की दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि सड़कों पर पानी भर जाने से यात्रा धीमी हो जाएगी.
इसके अलावा कच्ची सड़कों और कमजोर संरचनाओं को मामूली नुकसान हो सकता है. साथ ही खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर लैंडस्लाइड की संभावना है. जबकि, कुछ नदी जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है.