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India Daily

Pahalgam Attack: 'पाकिस्तान को नहीं देंगे तो पानी कहां स्टोर करेंगे?' सिंधु जल संधि पर ओवैसी का तंज

Pahalgam Attack: 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने के सरकार के निर्णय पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया में इस साहसिक कदम का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार पानी का स्टोर किस स्थान पर करेगी.

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Edited By: Ritu Sharma
Asaduddin Owaisi Statement
Courtesy: Social Media

Owaisi On Indus Treaty: असदुद्दीन ओवैसी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्र सरकार से सख्त और प्रभावी कदम उठाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन से सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है. सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले को उन्होंने जरूरी कदम बताया, लेकिन साथ ही सरकार से सवाल भी पूछा कि “अब हम पानी को कहां स्टोर करेंगे?”

'पानी रोकना अच्छा कदम, लेकिन भंडारण कहां?'

बता दें कि नई दिल्ली में आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, ''यह बहुत अच्छी बात है कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हम पानी कहां रखेंगे? केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे. यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है.''

अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाब देने का अधिकार

ओवैसी ने कहा कि भारत के पास अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत आत्मरक्षा में जवाब देने का पूरा अधिकार है. उन्होंने कहा: "केंद्र सरकार आतंकवादी समूहों को पनाह देने वाले देश के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. अंतरराष्ट्रीय कानून हमें पाकिस्तान के खिलाफ हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी करने और उन्हें हथियार बेचने पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देता है."

बैसरन हमले में सुरक्षा चूक पर उठाए सवाल

वहीं ओवैसी ने बैसरन मैदान में हमले के दौरान सीआरपीएफ की गैर-मौजूदगी और प्रतिक्रिया में देरी पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ''बैसरन मैदान में सीआरपीएफ को क्यों नहीं तैनात किया गया? त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा? उन्होंने लोगों का धर्म पूछकर गोली मारी.''

सरकार ने माना - 'कहीं न कहीं चूक हुई है'

सूत्रों के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक के दौरान एक सत्ताधारी नेता ने माना कि सुरक्षा व्यवस्था में चूक हुई है. ''अगर कुछ भी गलत नहीं हुआ होता, तो हम यहां क्यों बैठे होते? कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसका हमें पता लगाना होगा.''

पहलगाम हमला, पुलवामा से भी भयावह

इतना ही नहीं, आगे ओवैसी ने हमले की तुलना उरी और पुलवामा से करते हुए इसे 'और भी दर्दनाक और खतरनाक' बताया था. उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की विफलता करार देते हुए सरकार से रणनीति पर पुनर्विचार की मांग की.