नई दिल्ली: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया ब्लॉक के भीतर चल रही दरार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस को आगे आना चाहिए. गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा और बातचीत में कांग्रेस पार्टी को जो उत्साह दिखाने की जरूरत थी, वह दिखाई नहीं दे रहा है. आगामी लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी के साथ प्रचार करने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि केवल समय ही बताएगा कि ऐसा सहयोग सफल होगा या नहीं.
CM नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से अलग होने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा "अगर कांग्रेस पार्टी ने पहल की होती, तो मौजूदा स्थिति को टाला जा सकता था. मैं चाहता हूं कि नीतीश कुमार इंडिया गुट के साथ रहें. आखिरकार उन्होंने ही पहल की और इंडिया गठबंधन बनाया. मैं समझता हूं कि जब उनकी बात सुनी जाएगी और उनकी शिकायतों पर चर्चा करके समाधान निकाला जा सकता है. अगर नीतीश कुमार विपक्षी दल इंडिया गुट के साथ मजबूती से खड़े होते तो प्रधानमंत्री बन सकते थे और वह इंडिया गठबंधन में प्रबल दावेदार हो सकते थे."
अखिलेश यादव ने अपने बयान में साफ किया कि वह इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी नहीं कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता देने की वकालत कर रहे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस और सपा एक-एक लोकसभा सीटों पर चुनावी हार-जीत के आंकलन में जुटी हुई है. सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो जल्द ही यूपी में सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया जाएगा. अगर दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे में कोई गांठ सामने आती है तो राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे खुद अखिलेश यादव से बात करके बीच का रास्ता निकाल सकते है.