पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके स्मारक को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस की मांग ही जहां अंतिम संस्कार हो वहीं पर स्मारक बने. गृह मंत्रालय ने कहा कि अंतिम निगमबोध घाट पर किया जाएगा और मनमोहन सिंह का स्मारक दिल्ली में बनेगा. अब इस विवाद में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू भी कूद पड़े हैं.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब इंसान चला जाता है तो उसके साथ सारे बैर मिट जाते हैं, लेकिन यहां पर राजनीति हो रही है. मैं छोटा सा सवाल करता हूं कि अगर अटल जी का संस्कार होना होता और कोई कहता कि राज घाट पर नहीं होगा वहां स्मारक नहीं बनेगा, कहीं और बनेगा तो कैसा लगता? ये मसला किसी पार्टी का नहीं देश के इतिहास का है. ये इंसान खास था, जीता-जाता इतिहास था. उचित को जानकर उस पर अमल ना करना कायरता है. बड़ा दिल होना चाहिए.
#WATCH दिल्ली: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, "जब इंसान चला जाता है तो उसके साथ सारे बैर मिट जाते हैं... लेकिन यहां पर राजनीति हो रही है। मैं छोटा सा सवाल करता हूं कि अगर अटल जी का संस्कार होना होता और कोई कहता कि राज घाट पर नहीं होगा वहां स्मारक नहीं बनेगा, कहीं और… pic.twitter.com/6f0ePz03jA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 28, 2024
अखिलेश यादव ने क्या कहा?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए. भाजपा अनुचित उदाहरण पेश न करे.आप सांसद संजय सिंह ने कहा, महान अर्थशास्त्री और सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट के पास जगह न देना सरकार की छोटी सोच को दिखाता है.
कांग्रेस की मांग
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर चाहती थीं कि अंतिम संस्कार वहीं हो जहां स्मारक बनाया जा सके. कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार पूर्व पीएम का स्मारक बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई. ये देश के पहले सिख पीएम का अपमान है. जगह की कमी की बात सामने आने पर प्रियंका गांधी ने डॉ. सिंह का स्मारक शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी का स्मारक) या वीरभूमि (राजीव गांधी का स्मारक) के पास बनाने का सुझाव दिया है.