IC 814 Kandahar Hijack: दो लाल बैग और एक काले ब्रीफकेस में क्या था? पढ़िए ये कहानी
IC 814 Kandahar Hijack: कंधार में रिहा होने वाले तीन आतंकवादियों के साथ जसवंत सिंह द्वारा लाया गया दूसरा लाल बैग और उसमें रखी गई सामग्री अभी भी रहस्य बनी हुई है. 2006 में कांग्रेस ने दावा किया था कि इसमें अपहरणकर्ताओं द्वारा मांगी गई 200 मिलियन डॉलर की फिरौती थी.
कंधार प्लेन हाईजैक की इन दिनों काफी चर्चा है. इसके पीछे कारण हैं अनुभव सिंह की नई बेव सीरीज IC 814 द कंधार हाईजैक. इस सीरीज में कई पहलूओं को सुलझाने की कोशिश की गई है, लेकिन कुछ रहस्य जो पहले रहस्य थे अभी भी बने हुए हैं. 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 अपहरण से जुड़े सभी सवालों के जवाब 25 साल बाद भी नहीं मिल पाए हैं. उनमें एक काला ब्रीफ़केस, दो लाल बैग और उनमें रखी सामग्री शामिल है, जो भारत के विमानन इतिहास में सबसे लंबे समय तक अपहरण का हिस्सा थे.
लाल बैगों में से एक को काठमांडू के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आतंकवादियों द्वारा आईसी 814 के कार्गो होल्ड में चेक किया गया था. कहा जाता है कि इसमें विस्फोटक थे, जिसके कारण भारत सरकार अपहरण संकट के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में सतर्क हो गई. क्या इसमें आरडीएक्स या ग्रेनेड थे? इसके बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी जानकारी नहीं है, हालांकि तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह ने अपनी पुस्तक 'इन सर्विस ऑफ इमर्जेंट इंडिया - ए कॉल टू ऑनर' में इस पर कुछ प्रकाश डालने की कोशिश की है.
कंधार में रिहा होने वाले तीन आतंकवादियों के साथ जसवंत सिंह द्वारा लाया गया दूसरा लाल बैग और उसमें रखी गई सामग्री अभी भी रहस्य बनी हुई है.
IC 814 संकट में जसवंत सिंह का लाल बैग?
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश मंत्री रहे जसवंत सिंह उन तीन आतंकवादियों के साथ विमान में थे जिन्हें भारत रिहा करने जा रहा था. उनके पास एक लाल बैग था. बैग में क्या था, यह अभी भी रहस्य बना हुआ है. 2006 में कांग्रेस ने दावा किया था कि इसमें अपहरणकर्ताओं द्वारा मांगी गई 200 मिलियन डॉलर की फिरौती थी. कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने 2006 में लोकसभा के शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया था. जसवंत सिंह ने अपनी पुस्तक 'इन सर्विस ऑफ इमर्जेंट इंडिया - ए कॉल टू ऑनर' में कहा है कि सरकार ने अपहरणकर्ताओं की 200 मिलियन डॉलर की फिरौती की मांग को अस्वीकार कर दिया था.
मिस्त्री ने सवाल उठाया कि सिंह को तीन आतंकवादियों के साथ कंधार जाने की क्या जरूरत थी. मिस्त्री ने पूछा कि सिंह के पास जो लाल बैग था, उसमें क्या था? कांग्रेस ने मांग की कि यदि वाजपेयी सरकार ने फिरौती दी थी तो इसकी जेपीसी जांच कराई जाए. जसवंत सिंह जिस लाल बैग को कंधार ले गए थे, उसमें क्या था, यह रहस्य आज भी रहस्य ही बना हुआ है.
प्लेन में काला ब्रीफकेस
इस पुरे प्रकरण में लाल बैग ही एकमात्र रहस्यमय वस्तु नहीं थी, जिसमें तीन खूंखार आतंकवादी और भारतीय दल का एक छोटा दल सवार था. वहां एक काला ब्रीफ़केस भी था. वरिष्ठ पत्रकार सुनीता चौधरी ने कई शीर्ष अधिकारियों से बात करने के बाद 2019 में बताया था कि, सिंह के साथ विमान में चार युवा अधिकारी थे जिन्होंने तीन आतंकवादियों की सुरक्षा में दो घंटे बिताए थे.
सुनीता चौधरी ने 2019 में बताया कि वे पूर्व सीबीआई निदेशक एपी सिंह थे, जो उस समय इंडियन एयरलाइंस के मुख्य सतर्कता अधिकारी थे; रंजीत नारायण, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के संचालन प्रभारी; सतीश झा, जो वर्तमान में राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) के प्रमुख हैं; सुरेंदर पांडे जो अब महाराष्ट्र के महानिरीक्षक के रूप में तैनात हैं. उन्होंने कहा कि उनके साथ एसपीजी कमांडो का एक समूह था. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडियन एयरलाइंस के एक वरिष्ठ अधिकारी के काले ब्रीफकेस में 1,00,000 डॉलर नकद थे.
कंधार में ईंधन के भुगतान
इस नकदी का इस्तेमाल कंधार में ईंधन के भुगतान के लिए किया जाना था. अनुमान 40,000 डॉलर था, लेकिन टीम के पास बफर राशि थी. सुनेत्रा चौधरी ने लिखा कि वे जानते थे कि तालिबान विमान में उतरने के शुल्क, विमान में ईंधन भरने आदि के लिए कोई नकद रसीद नहीं देगा. इसलिए उन्हें गवाहों की जरूरत थी. एपी सिंह और पंकज श्रीवास्तव केवल इसी पहलू से चिंतित थे और उन्होंने 40,000 डॉलर का भुगतान किया, जैसा कि तालिबान चाहता था.