कुवैत अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों को लाने के लिए इंडियन एयर फोर्स का स्पेशल विमान भेजा गया. सभी शवों को लेकर स्पेशल विमान वहां से भारत लौट चुका है. यह केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, क्योंकि मृतकों में सबसे ज्यादा 23 लोग केरल के हैं. इसके बाद एयरक्राफ्ट दिल्ली जाएगा. शवों के साथ राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह भी हैं, जिन्होंने शवों के जल्द देश लाने के लिए कुवैत के अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया.
कुवैत के रक्षामंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने बताया कि 48 शवों के पहचान हो गई है, इसमें 45 भारतीय हैं और तीन नागरिक फिलिपींस के हैं. एक शव की पहचान नहीं हो पाई है. मारे गए ज्यादातर लोग केरल के हैं. विदेश मंत्री जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से फोन पर बात की और उनसे मृतकों के पार्थिव शरीर को शीघ्र स्वदेश वापस लाने का आग्रह किया था.
कुवैत अग्निकांड को लेकर भारत में पीएम मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल के साथ मीटिंक कर स्थिति के बारे में जानकारी मांगी. ठक के बाद पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतक भारतीय नागरिकों के परिवारों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और निर्देश दिया कि सभी पीड़ितों को सहायता प्रदाण की जाए.
कुवैत के मंगाफ शहर में मौत का मंजर देखने को मिला. यहां की एक बिल्डिंग में आग लग गई इसमें करीब 50 लोग मारे गए. वहीं 50 से ज्यादा लोग आग में झुलस कर घायल हो गए. अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं. जिस वक्त आग लगी लोग नींद में थे. हादसे में कुल 49 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से 45 भारतीय हैं. मरने वालों में ज्यादातर की उम्र 20 से 50 साल के बीच है. सब एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे. एक बिल्डिंग में 195 से ज्यादा मजदूर रहते थे.