लुधियाना के एक व्यक्ति का दावा है कि जब वह घर पर आराम कर रहा था तो उसके फास्टैग से पैसे कट गए. प्रिंसपायर टेक्नोलॉजीज के सीईओ सुंदरदीप सिंह ने उन्हें मिले मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिसमें बताया गया कि पंजाब के एक टोल प्लाजा पर उनके खाते से 220 रुपये कट गए हैं.
सुंदरदीप सिंह ने बताया उनके फास्टैग खाते से पैसे कट गए, जबकि उन्होंने टोल बूथ पार नहीं किया था. लुधियाना स्थित सीईओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पूछा, जब मैं घर पर आराम कर रहा था, तब पैसे कट गए और मैंने इस महीने उस रास्ते से यात्रा भी नहीं की. क्या हो रहा है ? उन्होंने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है, उसमें दिख रहा है कि 14 अगस्त को लाडोवाल टोल प्लाजा पर 220 रुपये टोल के तौर पर काटे गए. सिंह का दावा है कि वह कई दिनों से उस रास्ते पर नहीं गए थे, इसलिए उन्होंने फास्टैग अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा.
Hi! @FASTag_NETC Money is deducted when I am chilling at home and haven’t even travelled to that route this month. What’s going on? pic.twitter.com/LtnONNNwdr
— Sunderdeep - Volklub (@volklub) August 14, 2024
फास्टैग एक ऐसा उपकरण है जो टोल भुगतान को इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करता है. इसे वाहन के विंडशील्ड पर लगाया जाता है और प्रीपेड खाते से जोड़ा जाता है.
इस पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है. एक्स यूजर सिद्धार्थ गुप्ता ने लिखा, हमारे साथ पिछले एक साल से यही हो रहा है. कोई दूसरी कार हमारी कार का रजिस्ट्रेशन नंबर इस्तेमाल कर रही है. उनके सारे चालान और फ़ास्ट टैग कटौतियां हमारे नाम से होती हैं. पुलिस स्टेशन और बैंक ब्रांच के अनगिनत चक्कर लगाने के बाद, हमने इसे घर का अलग खर्च मानना शुरू कर दिया है.
प्रकाश नामक व्यक्ति ने दावा किया कि उसके फास्टैग पर आंध्र प्रदेश में शुल्क लगाया गया, जबकि उसकी कार गुजरात में थी. चेन्नई के नारायणन हरिहरन ने बताया कि उन्होंने भी इसी तरह की घटना के बाद विवाद उठाया था. इस बीच, एक्स यूजर बालामुरुकन ने दावा किया कि इसी तरह की समस्या का सामना करने के बाद उन्हें कई बार फोन करना पड़ा और अपनी कार की तस्वीरें साझा करनी पड़ीं.