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India Daily

'भारत के लिए मैंने सब कुछ छोड़ दिया', भारत के प्रेम में डूबी डेनमार्क की एस्ट्रिड

एस्ट्रिड ने कहा कि भारत ने मेरी आंखें खोल दीं. मैं इस देश की विविधता, जंगलीपन और सुंदरता से प्यार करती हूं. इसने मुझे अपने नए पहलुओं से परिचित कराया, मेरे सपनों को जगाया और मेरे सफर में भरोसा दिया. भारत ने मुझे कर्म के असली प्रभाव दिखाए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Astrid Esmeralda

जहां लाखों भारतीय बेहतर जीवन की तलाश में विदेशों का रुख कर रहे हैं, वहीं कई विदेशी भारत की सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता से आकर्षित होकर यहां बस रहे हैं. ऐसी ही एक शख्सियत हैं डेनमार्क की एस्ट्रिड एस्मेराल्डा, जिन्होंने अपनी नौकरी, घर और कोपेनहेगन की जिंदगी छोड़कर बिना किसी योजना के भारत में कदम रखा. भारत में 10 महीने बिताने के बाद उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने देश के प्रति अपने प्रेम को बयां किया है.

भारत में नई जिंदगी की शुरुआत
एस्ट्रिड ने अपने वीडियो में कहा, "भारत में 10 महीने बिताने के बाद मैं कह सकती हूं कि यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा फैसला था. कोपेनहेगन में मेरे लिए कुछ नहीं बचा था. मुझे अपनी नौकरी, घर और दोस्त पसंद थे, जिन्हें मैं मिस करती हूं, लेकिन वह शहर मुझे बोर करने लगा था. वहां गर्मियां ही मजेदार थीं, बाकी समय हम सिर्फ गर्मियों का इंतजार करते थे. वह जगह सुस्त सी लगती थी. अब भारत में मैं जीवंत महसूस करती हूं."

भारत की विविधता ने जीता दिल
ऋषिकेश, गोवा और मुंबई जैसे स्थानों की यात्रा कर चुकीं एस्ट्रिड ने भारत की संस्कृति, लोगों और प्रकृति की विविधता की तारीफ की. उन्होंने कहा, "भारत ने मेरी आंखें खोल दीं. मैं इस देश की विविधता, जंगलीपन और सुंदरता से प्यार करती हूं. इसने मुझे अपने नए पहलुओं से परिचित कराया, मेरे सपनों को जगाया और मेरे सफर में भरोसा दिया. भारत ने मुझे कर्म के असली प्रभाव दिखाए."

भविष्य की योजनाएं
एस्ट्रिड एक महीने और भारत में रहेंगी, इसके बाद यूरोप में गर्मियों की यात्रा पर जाएंगी. हालांकि, वे मानसून के बाद भारत लौटने की योजना बना रही हैं. उन्होंने कहा, "मैं यात्रा करने, विदेश में रहने और दुनिया देखने के विशेषाधिकार के लिए आभारी हूं."

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
एस्ट्रिड के वीडियो को सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रिया मिली. एक यूजर ने लिखा, "शानदार! भारत बार-बार आते रहें." दूसरे ने टिप्पणी की, "जब गोवा की छुट्टियां खत्म होंगी और पैसे कम पड़ेंगे, तब असली संघर्ष शुरू होगा." एक अन्य ने सुझाव दिया, "उत्तर-पूर्वी भारत, जैसे मेघालय और सिक्किम, की संस्कृति और परिदृश्य अनोखे हैं."