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'मुझे बाहर चेहरा छिपाना पड़ता है...', संसद में नितिन गडकरी ने क्यों कहा ऐसा?

गडकरी ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 1.78 लाख लोगों की जान जाती है और इनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 23,000 से अधिक लोग मर चुके हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 18,000 से अधिक (10.6%) मौतें हुई हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
nitin gadkari in lok sabha
Courtesy: Social Media

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रोड एक्सिडेंट के बारे में देश को बताया. गडकरी ने सड़क हादसे को लेकर चिंता जताई और कहा कि इसके चलते मुझे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में चेहरा छिपाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार सड़क परिवहन मंत्री बना था तो सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने का लक्ष्य रखा था. दुर्घटनाओं की संख्या में कमी को तो भूल जाइए, मुझे ये स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ ही गई है.

गडकरी ने कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या में कमी की बात तो भूल ही जाइए, मुझे यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि इसमें वृद्धि हुई है.  जब मैं सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा करने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने जाता हूं, तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं. प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि हालात में सुधार के लिए भारत में मानव व्यवहार में बदलाव लाना होगा, समाज में बदलाव लाना होगा और कानून के शासन का सम्मान करना होगा.

हर साल 1.78 लाख लोगों की जान रोड एक्सिडेंट से होती है

गडकरी ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 1.78 लाख लोगों की जान जाती है और इनमें से 60 प्रतिशत पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 23,000 से अधिक लोग मर चुके हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 18,000 से अधिक (10.6%) मौतें हुई हैं. महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 15,000 से अधिक (या कुल मौतों का 9%) है, इसके बाद मध्य प्रदेश में 13,000 से अधिक (8%) मौतें हुई हैं. शहरों में दिल्ली सालाना 1,400 से अधिक मौतों के साथ शीर्ष पर है, दूसरे स्थान पर 915 मौतों के साथ बेंगलुरु है.

सड़क पर ट्रक पार्क करना दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण

गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क पर ट्रक पार्क करना दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण है और कई ट्रक लेन अनुशासन का पालन नहीं करते हैं. मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारत में बस बॉडी बनाने में अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का आदेश दिया है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बस की खिड़की के पास एक हथौड़ा होना चाहिए ताकि दुर्घटना की स्थिति में इसे आसानी से तोड़ा जा सके.

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कुछ साल पहले उनका और उनके परिवार का एक बड़ा एक्सीडेंट हुआ था और वे लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे थे. उन्होंने लोकसभा में कहा कि भगवान की कृपा से मैं और मेरा परिवार बच गए. इसलिए दुर्घटनाओं का मेरा निजी अनुभव है.