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'मैं राजनीतिक नेता आतंकवादी नहीं, 7 PM से किया बात', यासीन मलिक ने सुप्रीम कोर्ट में दी अहिंसा की दुहाई

यासीन मलिक ने कहा, सीबीआई ने आपत्ति जताई है कि मैं सुरक्षा के लिए खतरा हूं. मैं इसका जवाब दे रहा हूं. मैं आतंकवादी नहीं हूं, बल्कि सिर्फ एक राजनीतिक नेता हूं. सात प्रधानमंत्रियों ने मुझसे बात की है. मेरे और मेरे संगठन के खिलाफ किसी भी आतंकवादी को समर्थन देने या किसी भी तरह का ठिकाना मुहैया कराने के लिए एक भी एफआईआर दर्ज नहीं है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Yasin Malik
Courtesy: Social Media

जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने शुक्रवार (4 अप्रैल) को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि वह एक 'राजनीतिक नेता' हैं न कि 'आतंकवादी'. मलिक ने दावा किया कि अतीत में सात प्रधानमंत्रियों ने उनसे बातचीत की थी. न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए यासीन मलिक ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलील का हवाला दिया कि आतंकवादी हाफिज सईद के साथ उनकी तस्वीरें थीं और इसे सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दैनिक समाचार पत्रों और टेलीविजन चैनलों द्वारा कवर किया गया था. 

मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने मेरे संगठन को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया है. यह ध्यान देने योग्य है कि 1994 में एकतरफा शांति समझौता के बाद, मुझे न केवल 32 मामलों में जमानत दी गई, बल्कि किसी भी मामले को आगे नहीं बढ़ाया गया. मलिक ने कहा, प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह और यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान भी सभी ने युद्ध विराम का पालन किया. अब अचानक, वर्तमान सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में मेरे खिलाफ 35 साल पुराने आतंकवादी मामलों की सुनवाई शुरू कर दी है. यह युद्ध विराम समझौते के खिलाफ है.

मेहता ने तर्क दिया कि वर्तमान मामले में संघर्ष विराम का कोई महत्व नहीं है. पीठ ने कहा कि वह मामले के गुण-दोष पर निर्णय नहीं कर रही है, बल्कि केवल यह तय कर रही है कि उसे गवाहों से वर्चुअली जिरह करने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं. मलिक ने कहा कि वह सीबीआई की इस दलील का जवाब दे रहे थे कि उसे जम्मू कोर्ट में शारीरिक रूप से पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि वह एक खूंखार आतंकवादी है.

मेरे खिलाफ दर्ज एफआईआर अहिंसक राजनीतिक विरोध प्रदर्शन से संबंधित हैं: यासीन मलिक
 
यासीन मलिक ने कहा, सीबीआई ने आपत्ति जताई है कि मैं सुरक्षा के लिए खतरा हूं. मैं इसका जवाब दे रहा हूं. मैं आतंकवादी नहीं हूं, बल्कि सिर्फ एक राजनीतिक नेता हूं. सात प्रधानमंत्रियों ने मुझसे बात की है. मेरे और मेरे संगठन के खिलाफ किसी भी आतंकवादी को समर्थन देने या किसी भी तरह का ठिकाना मुहैया कराने के लिए एक भी एफआईआर दर्ज नहीं है. मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज हैं, लेकिन वे सभी मेरे अहिंसक राजनीतिक विरोध से संबंधित हैं.