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Taj Mahal News: 'ताजमहल पर मेरा हक, बाबर का हूं वंशज', हैदराबाद के इस शख्स के दावे में कितना दम?

याकूब तुसी वर्तमान में महाराष्ट्र में स्थित औरंगज़ेब की कब्र के संरक्षक और मुतवल्ली हैं. उन्होंने सरकार से अपील की है कि इस एएसआई संरक्षित स्मारक की रक्षा की जाए, खासकर जब दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा इसे हटाने की मांग तेज़ हो गई है.

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Edited By: Mayank Tiwari
हैदराबाद के प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी
Courtesy: X@Princeofmoghals

हैदराबाद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां के एक शख्स जो मुगलों की तरह कपड़े पहनते हैं और खुद को मुगल होने का दावा करते हैं. हैदराबाद के प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, जो केवल मुगलों से अपने वंश का पता लगाने का दावा करते हैं. बल्कि मुगल सम्राट बहादुर शाह ज़फ़र के छठी पीढ़ी के उत्तराधिकारी बताते हैं. उनका मानना ​​है कि वह भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्मारक, ताजमहल के मालिक हैं और उस पर उनका कानूनी अधिकार है. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने दावे के समर्थन में हैदराबाद के प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी हैदराबाद कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट भी पेश की है. उनका कहना है कि चूंकि ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था, जो उनके पूर्वज थे, इसलिए वह इसके वास्तविक उत्तराधिकारी हैं. वहीं, साल 2019 में तुसी ने जयपुर की राजकुमारी और डिप्टी सीएम दिया कुमारी को चैलेंज दिया था कि यदि उनके पास ताजमहल से जुड़े कोई ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, तो वह सबके सामने लाए. उन्होंने कहा था, "अगर तुम्हारी रगों में राजपूत खून की एक बूंद भी है, तो अपने पोठीखाने के दस्तावेज़ दिखाओ.

अयोध्या में भी जताया था अधिकार

हैदराबाद के प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी का दावा सिर्फ ताजमहल तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने अयोध्या में बाबरी मस्जिद की भूमि पर भी अधिकार जताया था, यह कहते हुए कि अगर वह ज़मीन बाबर की थी, तो एक मुगल वंशज के रूप में वह उसके वारिस हैं. हालांकि, उन्होंने राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया और 1.80 करोड़ रुपये की कीमत की सोने की ईंटें गिफ्ट कीं थी. उन्होंने कहा था, "इस संपत्ति के मालिक होने के नाते, मुझे वहां राम मंदिर बनने पर कोई आपत्ति नहीं है.

औरंगज़ेब की कब्र के रक्षक

प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र के मुतवल्ली और केयरटेकर के रूप में काम करते हैं. वह 17वीं सदी के विवादास्पद मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र की देखभाल के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने अधिकारियों से इस जगह को नुकसान से बचाने का भी आग्रह किया है, क्योंकि दक्षिणपंथी समूहों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक को गिराने का आह्वान किया है.