नई दिल्ली: रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर RJD नेताओं के विवादित बोल के बाद मंत्री तेज प्रताप यादव ने कड़ी नसीहत दी है. तेज प्रताप ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है. हम सबको इसका अनुसरण करना चाहिए. मेरी सबसे यही अपील है कि धर्म पर बोलने से परहेज करें और बोलने से पहले विचार करें. जहां तक हो इन मुद्दों पर बोलने से बचना चाहिए. किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचना सही नहीं है.
बिहार सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा "बीजेपी-संघ के पास कोई मुद्दा नहीं है. जब कोई बात होती है तो वो राम को आगे कर देते हैं. वे लोग नाथूराम के वंशज हैं और देश में कुछ भी करा सकते हैं. जब महात्मा गांधी को नहीं छोड़ा तो भला और किसी को क्या छोड़ेंगे."
#WATCH | Patna: On the statement of Bihar Education Minister Chandrashekhar, Bihar Minister Tej Pratap Yadav says, "...the biggest religion should be humanity and it should be followed. Such statements should be avoided before saying anything on religion..." pic.twitter.com/OP51ZpLL2H
— ANI (@ANI) January 8, 2024
जैसे-जैसे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है विपक्षी दल के नेता सरकार पर निशाना साध रहे हैं और रामलला को लेकर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा "यदि आप घायल हो जाएंगे, तो आप कहां जाएंगे? मंदिर या अस्पताल? यदि आप शिक्षा चाहते हैं और अधिकारी, विधायक या सांसद बनना चाहते हैं, तो क्या आप मंदिर या स्कूल जाएंगे? अगर लोग बीमार पड़ते हैं या घायल होते हैं तो वे मंदिर जाने के बजाय चिकित्सा सहायता लेंगे."
दरअसल राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह की ओर से लगाए गए पोस्टर में लिखा गया कि मंदिर का अर्थ मानसिक गुलामी का मार्ग है, जबकि स्कूल का अर्थ प्रकाश की ओर जाने का मार्ग है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक फतेह बहादुर सिंह को अपना समर्थन देते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि सिंह ने वहीं कहा जो सावित्रीबाई फुले ने कहा था. उन्होंने सावित्रीबाई फुले को कोट किया. क्या शिक्षा आवश्यक नहीं है? हमें छद्म हिंदुत्व और छद्म राष्ट्रवाद से सावधान रहना चाहिए. जब भगवान राम हममें से प्रत्येक में व्याप्त हैं, तो हम उन्हें खोजने के लिए कहां जाएंगे? जो स्थलें निर्धारित की गई हैं उन्हें शोषण का स्थल बनाया गया है, जिसका उपयोग समाज में कुछ षड्यंत्रकारियों की जेबें भरने के लिए किया जाता है.