मुंबई के एक डॉक्टर ब्रेंडन फेराओ ने एक दिन ऑनलाइन आइस क्रीम ऑर्डर किया. उनके घर जब आइस क्रीम पहुंची तो उसमें एक इंसान की उंगली का टुकड़ा मिला. उन्होंने ये किस्सा लोगों से बताया तो लोग दंग रह गए. कंपनी की इतनी बड़ी लापरवाही पर हर कोई हैरान रह गया. अब भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने इस कंपनी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. FSSAI ने इंदापुर स्थित फॉर्च्यून डेयरी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के लाइसेंस को निलंबित कर दिया है. यह यम्मो आइसक्रीम की थर्ड पार्टी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट है.
12 जून को ब्रेंडन फेराओ ने मलाड पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. यम्मो आइस क्रीम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 272, 273 और 336 के तहत मामला दर्ज किया गया था. शिकायत के बाद, कंपनी मैनेजमेंट की ओर से कहा गया कि आइसक्रीम इंदापुर स्थित फॉर्च्यून डेयरी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में बनाई गई थी.
FSSAI और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के अधिकारियों ने शुक्रवार को इंदापुर और हडपसर यूनिट पर रेड डाली और बड़ा एक्शन लिया. FDA, पुणे क्षेत्र के ज्वॉइंट कमिश्नर सुरेश अन्नापुरे ने कहा कि केंद्रीय अधिकारियों ने फॉर्च्यून डेयरी को फूड लाइसेंस जारी किया है. FSSAI ने इसे रद्द कर दिया है.
ज्वॉइंट कमिश्नर सुरेश अन्नापुरे ने कहा कि इस गलती में हडसर यूनिट की कोई भूमिका नहीं थी लेकिन यूनिट पर रेड, सिर्फ सुरक्षा कारणों से लिया गया. हडपसर यूनिट में इंस्पेक्शन करीब 12 घंटे तक चला. हम नोटिस जारी करने वाले हैं.
इंदापुर स्थित फॉर्च्यून डेयरी इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक सचिन जाधव का कहना है कि यह ब्रांड को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा है, 'डेयरी का लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित है. कंपनी को सील नहीं किया गया है. हम कुछ मैन्युफैक्चर नहीं कर सकते हैं.'
फॉर्च्यून डेयरी इंडस्ट्रीज ने 2020 में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू की थी. कंपनी हर दिन दो लाख लीटर से ज्यादा दूध जमा करती है और मक्खन और स्किम्ड मिल्क पाउडर बनाती है. युमो आइसक्रीम के मालिक वॉको क्यूएसआर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड अपनी आइसक्रीम गाजियाबाद, जयपुर और गुजरात यूनिट से बनवाती है.