भारत में आम चुनाव की प्रक्रिया लगभग डेढ़ महीने से जारी है. पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को हुई थी. आखिरी चरण की सीटों पर 1 जून को वोट डाले गए. अब 4 जून को वोटों की गिनती की जाएगी और चुनाव के परिणाम सामने आ जाएंगे. पुराने जमाने में जब बैलेट पेपर से वोटिंग होती थी तब वोटों की गिनती मैन्युअल तरीके से होती थी. अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM से वोट डाले जाते हैं इसलिए वोटों की गिनती का तरीका भी अलग होता है. एक ही सीट पर सैकड़ों या हजारों बूथ होते हैं और सबकी अलग-अलग मशीनें होती हैं ऐसे में गिनती के लिए बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है.
EVM में बैटरी लगी होती है और एक चिप की मदद से वोट रिकॉर्ड किए जाते हैं. इनकी बैटरी ऐसी होती है कि डेटा कई दिनों तक स्टोर रहता है. वोटिंग से ठीक पहले कैंडिडेट के नाम और उनकी पार्टी के हिसाब से EVM को प्रोग्राम किया जाता है. वोटों की गिनती के बाद एक निश्चित समय तक इनको वैसा ही रखा जाता है और बाद में ईवीएम का डेटा डिलीट कर दिया जाता है. इन्हीं मशीनों का इस्तेमाल आगे होने वाले चुनाव में फिर से किया जाता है.
ईवीएम के साथ एक बैलटिंग वोट होती है, जिससे वोट डाले जाते हैं. साथ में एक कंट्रोल यूनिट होती है. कुछ जगहों पर VVPAT मशीनें भी लगाई जाती हैं जिनमें पर्चियां स्टोर होती हैं. वोटिंग के दौरान आपने देखा होगा कि वहां बैठे अधिकारी मशीन को चालू करते हैं, यही कंट्रोल यूनिट होती है. दूसरी बैलटिंग यूनिट से लोग वोट डालते हैं. एक ईवीएम में अधिकतम 2000 वोट रिकॉर्ड किए जा सकते हैं. अगर कोई ईवीएम खराब हो जाए तो उसे बदला जाता और तब तक डाले गए वोट कंट्रोल यूनिट में सेव रहते हैं.
लोकसभा चुनाव में वोटों की गिनती जिला स्तर पर की जाती है. चुनाव आयोग की तरफ से रिटर्निंग ऑफिसर तैनात किए जाते हैं. हर सीट के लिए काउंटिंग की जिम्मेदारी इसी रिटर्निंग ऑफिसर की होती है. काउंटिंग की जगह, समय और तारीख का फैसला यही अधिकारी करता है. काउंटिंग एक या एक से ज्यादा जगहों पर भी करवाई जा सकती है. इस बार कुल 543 लोकसभा सीटों के लिए 989 काउंटिंग सेंटर पर वोटों की गिनती होगी.
एक राउंड में 14 EVM के वोट गिने जाते हैं. सबसे पहले इलेक्ट्रोनिकल ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट (ETPB) और पोस्टल बैलट की गिनती की जाती है. काउंटिंग सेंटर पर लगाई गई टेबलों पर ईवीएम को बांट दिया जाता है. ईवीएम की कंट्रोल यूनिट में लगे रिजल्ट बटन को दबाने पर हर कैंडिडेट के वोट सामने आते हैं. हर राउंड की गिनती के बाद वहीं लगाए गए बोर्ड पर वोटों की संख्या लिख दी जाती है. चुनाव आयोग इसे अपनी वेबसाइट पर भी अपडेट करता रहता है. जब आखिरी कैंडिडेट के वोट डिस्प्ले हो जाते हैं तब End का मैसेज आ जाता है.