How Prime Ministers Decide Book: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पेशी के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के चीफ अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट के सामने अपनी कुछ मांगे रखीं. उन्होंने कोर्ट से अपने साथ एक धार्मिक लॉकेट ले जाने की मांग की. इसके बाद उन्होंने स्पेशल डाइट, कुर्सी और मेज की मांग भी की. उन्होंने रामायण और महाभारत के साथ-साथ नीरजा चौधरी की किताब 'How Prime Ministers Decide' की भी मांग की. आइए, जानते हैं इस किताब की मुख्य बातें.
पुरस्कार विजेता पत्रकार, राजनीतिक टिप्पणीकार नीरजा चौधरी इस किताब की लेखक हैं. ये किताब ई-कॉमर्स साइट अमेजन पर भी मौजूद है. इस किताब में नीरजा बताती हैं कि स्वतंत्र भारत में कुछ सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय कैसे लिए गए थे. कहा जाता है कि 'हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड' मॉर्डन इंडियन पॉलिटिक्स के बारे में बताने वाली अद्वितीय किताब है, जो प्रधानमंत्रियों की ओर से देश पर शासन करने के तरीके को देखने के हमारे नजरिये को बदल देगी.
नीरजा चौधरी ने अपनी किताब में ऐतिहासिक महत्व वाले 6 निर्णयों के जरिए देश के प्रधानमंत्रियों की कार्यशैली का विश्लेषण किया है. जिन 6 ऐतिहासिक निर्णयों की बात कही गई है, वे इस प्रकार से हैं.
1- 1977 में आपातकाल और अपनी अपमानजनक हार के बाद, 1980 में सत्ता में वापसी के लिए इंदिरा गांधी ने जो रणनीति बनाई.
2- निर्णय की कमियों के कारण राजीव गांधी को शाहबानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करना पड़ा.
3- वीपी सिंह ने अपनी सरकार बचाने के लिए मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की, जिसने समकालीन राजनीति का चेहरा हमेशा के लिए बदल दिया.
4- पीवी नरसिम्हा राव का निर्णय जिसके कारण बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ.
5- तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्यों ने शांत माने जाने वाले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को परमाणु परीक्षण को हरी झंडी दिखाने वाले परमाणु समर्थक में बदल दिया
6- सौम्य और प्रोफेशनल माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिन्होंने अमेरिका के साथ एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते किया और दोनों देशों के बीच के राजनीतिक संबंधों को एक नया आयाम दिया.
नीरजा चौधरी ने करीब 40 साल के नेशनल लेवल की रिपोर्टिंग के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों, नौकरशाहों, सहयोगियों, नीति निर्माताओं और अन्य का इंटरव्यू किया, जिसके आधार पर ये किताब लिखी.
ED ने आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च की रात को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था. 22 मार्च को कोर्ट ने केजरीवाल को 28 मार्च तक की ईडी हिरासत में भेज दिया. फिर उन्हें 28 मार्च को 1 अप्रैल तक की ईडी हिरासत में भेज दिया गया था. आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर राष्ट्रीय राजधानी में नई शराब नीति को लागू कराने में भष्टाचार के आरोप हैं. इसी मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहले से जेल में हैं. उनके अलावा, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी सलाखों के पीछे हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने अरविंद केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी मामले में किंगपिन करार दिया है. अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होने वाले पहले सिटिंग सीएम हैं. केजरीवाल ने फिलहाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है और जेल से ही सरकार चलाने की बात कर रहे हैं.