BJP के राज में कितनी बदल गईं NCERT की किताबें, क्या हटा और क्या जुड़ा, जानिए यहां
साल 2014 से अब तक NCERT की किताबों में व्यापक बदलाव किए गए हैं. महाराणा प्रताप, मुगल से लेकर बाबरी और अयोध्या तक, कई मुद्दे हटाए और जोड़े गए हैं. 10 साल में NCERT की किताबों में कितना बदलाव हुआ है, आइए जानते हैं.
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) एक बार फिर अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव को लेकर चर्चा में है. 12वीं क्लास के राजनीति विज्ञान की किताब से कुछ चैप्टरों में बदलाव किए गए हैं. ये बदलाव हिंदुत्व, अयोध्या, बाबरी मस्जिद, गुजरात, मणिपुर और जम्मू-कश्मीर से जुड़े कुछ विषयों में किए गए हैं.
क्लास 11 और 12 के छात्र, नए शैक्षणिक सत्र में अब बदली हुई किताबें पढ़ेंगे. NCERT के ये बदलाव अभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड नहीं किए गए हैं. हिंदू-मुस्लिम दंगों से जुड़े कुछ टिप्पणियों को हटाया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार में यह पहली बार नहीं है जब इस तरह के बदलाव किए गए हैं. बीते 10 साल के शासन में कई बार NCERT के पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ है. आइए जानते हैं कब-कब पाठ्यक्रमों में बदलाव हुआ है.
साल 2017 में पहली बार हुआ था बदलाव
नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद साल 2017 में NCERT में 182 किताबों में संशोधन किया गया था. स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ, नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों को नए पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था.
2018 से 19 के बीच क्या-क्या बदला?
इतिहास की किताबों में इस सत्र के दौरान भी अहम बदलाव हुए. इतिहास की किताबों में विक्रमी संवत, हिंदू कैलेंडर, धातुकर्म, शिवाजी महराज, महाराणा प्रताप, पाइका विद्रोह, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद से जुड़े कुछ संदर्भ शामिल किए गए थे. रंजीत सिंह, रानी अवंतीबाई लोधी और श्रीअरबिंदो घोष से जुड़े चैप्टर ऐड किए गए हैं. सातवीं क्लास के सैलेबस में महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्य जोड़े गए थे.
NCERT ने साल 2019 में इतिहास की किताबों में कुछ अहम बदलाव किया. 9वीं क्लास में जातीय संघर्षों से जुड़ी बातों को हटा दिया गया था. क्रिकेट के ब्रिटिश इतिहास को हटाया गया. भारत और चीन में राष्ट्रवाद के उदय से जुड़े अध्याय हटाए गए थे.
साल 2022 में क्या-क्या बदले गए?
साल 2022 में भी गुजरात दंगों में अटल बिहारी के बयान हटाए गए थे. गोधरा हिंसा से जुड़े कुछ संदर्भों में बदलाव किया गया था. नेहरू और अंबेडकर से जुड़े कुछ तथ्यों को हटा दिया गया था. नक्सली आंदोलन से जुड़े तथ्यों में संशोधन किए गए थे. जाति उत्पीड़न, वैदों में जाति के प्रसंग, सांप्रदायिक राजनीति के खतरों से जुड़े तथ्यों को हटाया गया था.
मुगल शासन से संबंधित पहले विस्तृत अध्याय थे, उन्हें छोटा कर दिया गया. मुगल कालीन न्याय व्यवस्था और प्रशासनिक प्रणालियों से जुड़े तथ्य संशोधित किए गए. मुगल, खिलजी, गुलाम, दिल्ली सल्तनत से जुड़े तथ्य भी इतिहास की किताब में बदल दिए गए.
साल 2022 में ही CBSE बोर्ड से जुड़ी 10वीं की किताब से फैज अहमद फैज की कविताएं हटाई गई थीं. सांप्रदायिक राजनीति से जुड़े कार्टून, इस्लामिक इतिहास और कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव को हटाया गया था.
2023 में क्या-क्या बदला?
साल 2023 में भी लोकतंत्र और विविधता, लैंगिकता, जाति और धर्म, कुछ प्रमुख आंदोलन, राजनीतिक पार्टियों से जुड़े तथ्य और लोकतंत्र की चुनौतियों से जुड़े कुछ तथ्यों में बदलाव किया गया था.
2024 में क्या-क्या बदला?
NCERT ने 12वीं राजनीति विज्ञान से बाबारी विध्वंस के संदर्भ को हटा दिया है. अब 'राम मंदिर आंदोलन की विरासत क्या है' इसे जोड़ा गया है. हिंदुत्व, गुजरात दंगे, सांप्रदायिकता, हिंदू-मुस्लिम दंगों से जुड़े कुछ संदर्भ हटाए गए हैं. संवेदनशील विषयों को हटाकर, कुछ नए संदर्भ जोड़े गए हैं.
कब से लागू होंगे ये बदलाव?
नए बदलाव शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए किए गए हैं. छात्र अब संशोधित इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबें पढ़ेंगे.
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