26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण ने दिल्ली में एक विशाल सुरक्षा अभियान को शुरू कर दिया है, जिसके चलते सरकार पर भारी वित्तीय बोझ पड़ने की संभावना है. राणा गुरुवार को अमेरिका से भारत पहुंचने वाला है और उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कड़ी सुरक्षा में लिया जाएगा. बुलेटप्रूफ काफिले, बख्तरबंद वाहनों, स्वाट कमांडो और विशेष पुलिस यूनिट्स की तैनाती के साथ उसकी सुरक्षा के लिए कई स्तरों पर कड़े इंतजाम किए गए हैं. राणा से पूछताछ एनआईए मुख्यालय में एक विशेष रूप से तैयार सुरक्षित सेल में होगी, जहां केवल चुनिंदा अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी. उनकी न्यायिक हिरासत तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में होगी, जहां चौबीसों घंटे विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी.
सुरक्षा पर खर्च कितना होगा?
VIDEO | Delhi: Visuals from outside Air Force Station, Palam.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 10, 2025
Tahawwur Hussain Rana, a key accused in the 2008 Mumbai terror attacks, is being brought to India from the US on a special flight.#DelhiNews
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/doPR8pOMy3
राणा के मामले में बढ़ता खर्च और संवेदनशीलता
राणा के मामले में भी बख्तरबंद वाहनों और हाई-रिस्क कैदी प्रोटोकॉल जैसे समान सुरक्षा उपायों को देखते हुए उनकी हिरासत की लागत भी अधिक रहने की संभावना है. इतना खर्च क्यों? राणा का मामला अंतरराष्ट्रीय आयामों और राज्य प्रायोजित आतंकवाद से संभावित संबंधों के कारण अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है. उसकी सुरक्षा केवल एक हाई-प्रोफाइल कैदी की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि भारत के सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक की चल रही जांच के महत्वपूर्ण हिस्से को सुरक्षित करने के लिए भी जरूरी है.