देशभर में चलने वाले कोचिंग संस्थानों को लेकर हंगामा मचा हुआ है. ओल्ड राजेंद्र नगर की एक कोचिंग में हुए हादसे में तीन स्टूडेंट्स की मौत के बाद कोचिंग संस्थानों, उनके मूलभत ढांचों और उनके कारोबार को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में अचानक यह भी सामने आ गया है कि सरकार को इन कोचिंग संस्थानों से कितनी कमाई होती है. राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया है कि पिछले पांच साल में कोचिंग संस्थानों से जीएसटी के रूप में 5517 करोड़ रुपये मिले हैं. पांच साल में इसमें लगभग दोगुने का इजाफा भी हुआ है.
राज्यसभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शिक्षा राज्यमंत्री सुकांता मजूमदार ने वित्त मंत्रालय का डेटा सदन में रखा है. उन्होंने बताया कि 2019-20 में केंद्र सरकार को जीएसटी के रूप में कोचिंग संस्थानों से 2240.73 करोड़ रुपये मिले थे. वहीं, 2023-24 में यह आंकड़ा दोगुने से ज्यादा बढ़ गया. पिछले वित्त वर्ष में सरकार को कोचिंग संस्थानों से 5517.45 करोड़ रुपये का जीएसटी मिला है. 2021-22 में यह 3045.12 करोड़ और 2022-23 में 4667.03 करोड़ रुपये था.
संसद में सवाल पूछा गया था कि क्या कोचिंग इंडस्टी तेजी से बढ़ रही है और इसके भविष्य में और बढ़ने की संभावना है. दिल्ली में हुए हादसे के बाद उठे इस सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि इसी साल जनवरी के महीने में कोचिंग संस्थानों को लेकर गाइडलाइन्स जारी की गई थी. साथ ही यह भी कहा गया कि शिक्षा समवर्ती सूची में आती है इसलिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को भी इस संबंध में आगे काम करना है.
एक और सवाल पूछा गया था कि क्या केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों में बढ़ती आत्महत्याओं, आग लगने की घटनाओं, संसाधनों की कमी और पढ़ाने के तरीकों को लेकर संज्ञान लिया है? इस पर भी सुकांता मजूमदार ने कहा कि सरकार जनवरी में ही गाइडलाइन जारी कर चुकी है. बता दें कि दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद से दिल्ली नगर निगम और अन्य विभागों की कार्रवाई जारी है. दिल्ली नगर निगम ने अभी तक दर्जनों कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट सील भी कर दिए हैं.