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बच्चा, मोबाइल चोरी की अफवाहें... कैसे पश्चिम बंगाल में बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं?

Bengal Mob Lynching: बंगाल में जून में भीड़ की ओर से किए गए हमले की 11 घटनाओं में 4 लोग मारे गए और 13 लोग लोग घायल हो गए, जिसके कारण राज्य सरकार ने जागरूकता अभियान शुरू किया है. उधर, मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बाद विपक्षी भाजपा और वाम दलों ने ममता बनर्जी की सरकार और पुलिस-प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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Edited By: India Daily Live
Bengal Mob Lynching
Courtesy: Social Media

Bengal Mob Lynching: जब 75 साल की भगवती मंडल ने पहली बार अपने पोते प्रसेन (26) को बिधाननगर के पोलनाइट में प्राइमरी हेल्थ सेंटर के पास एक पेड़ से बंधा देखा, तो उसे पहचान नहीं पाई. खून से लथपथ प्रसेन नीचे गिरा था. दर्द से कराह रहा था. उसके आसपास चार लोग खड़े थे, जो उसे पीट भी रहे थे. भगवती ने उनसे रुकने और उसे छोड़ देने की विनती की, लेकिन चारों लोग नहीं रुके. इसके बाद भगवती पड़ोसियों से मदद मांगने पहुंची, लेकिन जब तक कोई छुड़ाने आता, प्रसेन की मौत हो चुकी थी. 

पड़ोसियों और पुलिस के अनुसार, प्रसेन को प्रताड़ित करने वालों ने पूरी रात उसकी पिटाई की. पड़ोसी असीमा सरकार कहती हैं कि जिन तीन लोगों ने लड़के को पीटा वे स्थानीय हैं और उसे जानते थे. सुबह जब हम पहुंचे तो वह मर चुका था. बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

प्रसेन बंगाल में हाल ही में हुई भीड़ की ओर की गई हत्याओं के पीड़ितों में से एक था. सभी घटनाएं संभावित बच्चा चोर की अफवाहों के बाद हुई. प्रसेन के मामले में मोबाइल चोरी की अफवाह थी. 19 जून से 15 दिनों के अंदर बंगाल में 13 ऐसी घटनाओं में चार लोग मारे गए और 10 घायल हो गए. इन घटनाओं के बाद विपक्ष ने तृणमूल कांग्रेस सरकार के तहत बंगाल में कानून और व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. राज्य सरकार ने ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया है. कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने सोशल मीडिया अभियान शुरू किया है और कई जिलों में पर्चे बांटे जा रहे हैं.

मॉब लिंचिंग की सभी घटनाएं साउथ बंगाल से आईं

बंगाल में जून के बाद हुई मॉब लिंचिंग की घटनाएं साउथ से आईं हैं. इनमें नॉर्थ 24 परगना, साउथ 24 परगना, हुगली, बर्धमान और पश्चिम मेदिनीपुर शामिल है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, ऐसी घटनाओं का सिलसिला संभवतः तब शुरू हुआ जब 5 दिनों से लापता 11 साल के लड़के का शव नॉर्थ 24 परगना में उसके घर के पास खंडहर में तब्दील टॉयलेट में 19 जून को पाया गया. लड़के के चाचा अंजीब नबी को घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया.

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें संदेह है कि घटना और अफवाहों के बीच कोई संबंध है. संदेह से बचने के लिए आरोपियों ने अपहरणकर्ताओं के बारे में कोई कहानी गढ़ी होगी. हम इसकी जांच कर रहे हैं. अलग-अलग मॉब लिंचिंग की घटनाओं में अब तक करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, ममता बनर्जी सरकार ने मारे गए लोगों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है.

जागरूकता अभियान के तहत क्या कर रही बंगाल पुलिस?

हुगली (ग्रामीण) के एसपी कामनाशीष सेन कहते हैं कि एक हफ़्ते से जागरूकता अभियान चल रहा है. हमने पुलिस थानों के फ़ोन नंबर दिए हैं और लोगों से कहा है कि अगर उन्हें कुछ भी संदिग्ध दिखे तो वे तुरंत हमसे संपर्क करें. इस सप्ताह के शुरुआत में राज्य विधानसभा में अपने संबोधन में स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय ने इन घटनाओं के लिए राजभवन की ओर से पश्चिम बंगाल (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक, 2019 पर हस्ताक्षर करने में अनिच्छा को जिम्मेदार ठहराया.

2019 में विधानसभा की ओर से पारित और मॉब लिंचिंग को रोकने के उद्देश्य से लाया गया ये विधेयक अभी भी राज्यपाल के अनुमोदन के लिए लंबित है. बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि विधेयक पर राज्यपाल को हस्ताक्षर करना चाहिए था. अगर ऐसा होता तो शायद बंगाल में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं नहीं होतीं. 

विपक्ष ने घटनाओं को लेकर बंगाल की ममता सरकार को घेरा

विपक्षी दलों ने इसे पश्चिम बंगाल में चरमराती कानून व्यवस्था का एक और उदाहरण बताया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सुकांत मजूमदार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि हालांकि राज्य में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस दोषियों को दूरबीन से भी नहीं पकड़ पा रही है. वे कहां हैं? इसे रोकने के लिए क्या सावधानियां बरती जा रही हैं? कोई नहीं जानता.

'उन्होंने उसे ऐसे पीटा जैसे वह कोई जानवर हो'

बारासात के अमदंगा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत प्रभाकरकाटी गांव में 34 साल के नेहरा बानू 19 जून को कथित भीड़ द्वारा किए गए हमले के बाद अपने शरीर पर पड़े निशान दिखाती हैं. वे और उनकी एक महिला रिश्तेदार काजीपारा में एक रेस्टोरेंट की तलाश कर रही थीं, तभी कुछ लोगों ने उन पर बच्चा चोर होने का आरोप लगाते हुए हमला कर दिया. उनके विरोध के बावजूद, कथित तौर पर हमला जारी रहा.

नेहरा कहती हैं कि मैंने उनसे कहा कि मैं दो बच्चों की मां हूं. लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी... उन्होंने मुझे पीटने के लिए डंडों और लोहे के रिंच का इस्तेमाल किया. आखिरकार पुलिस ने उसे बचा लिया और बारासात स्टेट जनरल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वह पांच दिन तक रही. इस मामले में एक महिला समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. नेहरा के 57 साल के पिता अंसार अली ने कहा कि उन्होंने (भीड़) उसे ऐसे पीटा जैसे वह कोई जानवर हो. वह अभी भी सदमे में है. 

35 साल के प्लंबर को भी बच्चा चोर कहकर पीटा

बैरकपुर के रुइयापारा में 35 साल के प्लंबर नजीर हुसैन मुश्किल से चल पाते हैं. उनकी पसलियों और पैरों में फ्रैक्चर है और हालांकि पुष्टि के लिए उन्हें स्कैन की जरूरत है, लेकिन उन्हें सिर में अंदरूनी चोटें भी होने का संदेह है. 21 जून को वह अपने घर जा रहे थे, तभी घर से करीब 20 मिनट की दूरी पर चक कथलिया गांव के पास कुछ युवकों ने उन्हें घेर लिया.

नजीर कहते हैं कि अचानक वे सभी 'बच्चा चोर, बच्चा चोर' चिल्लाने लगे और मुझे पीटना शुरू कर दिया. मैं उन्हें समझाता रहा कि मेरा घर पास में ही है और मैं अपने भाइयों को बुला सकता हूं. उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी और लोहे की छड़ों और डंडों से मुझे पीटना जारी रखा. इस घटना में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.

मोबाइल चोरी के आरोप में छात्र को हॉस्टल में पीट-पीटकर मार डाला

कोलकाता के बेलगाचिया इलाके में 37 साल के इरशाद आलम के घर में डर और नुकसान का माहौल है. शहर के चांदनी चौक इलाके में एक टीवी रिपेयर की दुकान पर काम करने वाले आलम को मोबाइल चोरी के शक में बउबाजार के एक छात्र छात्रावास में पीट-पीटकर मार डाला गया. उसकी 30 साल की पत्नी सलमा बीबी के अनुसार, वे 26 जून की सुबह काम पर गए और फिर कभी वापस नहीं लौटे. शाम तक हमें पता चला कि क्या हुआ. मैं अस्पताल गई लेकिन वे पहले ही मर चुके थे.

इस हमले के सिलसिले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अब उसे खुद और अपने दो बच्चों (11 साल की लड़की और 7 साल का लड़का) का ख़र्च उठाना है. मैं और मेरे बच्चे अब कैसे जिएंगे? वह घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था. मैं घर का किराया और स्कूल की फ़ीस कैसे भरूंगी?

घटनाओं को लेकर क्या बोलीं एसपी?

अपने जिले में हुई घटनाओं के बारे में संपर्क करने पर बारासात की एसपी प्रतीक्षा झारखरिया ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि लेकिन अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं. इसलिए, हम अपने जागरूकता अभियान जारी रख रहे हैं और लोगों को ऐसी अफवाहों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में लाउडस्पीकर का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए कुल 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

झारग्राम में भी इसी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, जहां 22 जून को एक व्यक्ति को गलती से चोर समझकर उस पर हमला कर दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. झारग्राम के एसपी अरिजीत सिन्हा ने कहा कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर हत्या (आईपीसी की धारा) का आरोप लगाया गया है.

आरोपों और घटनाओं को लेकर टीएमसी का क्या है कहना?

टीएमसी का मानना ​​है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस तरह के जागरूकता अभियान महत्वपूर्ण हैं. तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती कहते हैं कि हमारा रुख साफ है. ऐसे अपराध के दोषियों के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस बिना किसी राजनीतिक रंग को देखे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. हालांकि, ये भी सच है कि यह एक सामाजिक बुराई है और लोगों में जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए.

19 जून के बाद बंगाल में हुईं मॉब लिंचिंग की घटनाएं

19 जून: बारासात (उत्तर 24 परगना जिले) के काजीपारा में एक पुरुष और एक महिला की पिटाई की गई. पीड़ित को बचाने की कोशिश में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.

21 जून: बैरकपुर (उत्तर 24 परगना) के रुइयापाड़ा में एक युवक पर हमला किया गया.

21 जून: बरुईपुर में एक विकलांग महिला को भीड़ ने पीटा.

21 जून: पूर्ब बर्धमान के कुचुट में एक स्थानीय मेले के पास भीड़ ने एक युवक की बुरी तरह पिटाई की. घटना तब हुई जब अफवाह फैली कि एक बच्चा लापता है। पुलिस ने युवक को बचा लिया.

22 जून: बनगांव (उत्तर 24 परगना) में स्थानीय लोगों ने एक दिव्यांग व्यक्ति की पिटाई की. गंभीर रूप से घायल युवक को पुलिस द्वारा बचाए जाने के बाद बनगांव उप-मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया.

22 जून: अशोकनगर (उत्तर 24 परगना) में एक महिला को भीड़ ने पीटा, लेकिन बाद में पुलिस ने उसे बचा लिया.

22 जून: पश्चिम मेदिनीपुर के झारग्राम निवासी दो युवकों को पीटा गया, जो उपखंड के जाम्बोनी में घूमने गए थे. इनमें से एक युवक की 30 जून को मौत हो गई.

25 जून: हुगली जिले के पांडुआ के दरबाशिनी में एक युवक की स्थानीय लोगों ने पिटाई की. 30 जून को उसकी मौत हो गई.

26 जून: कोलकाता के बोबाजार में एक टेलीविजन रिपेयर शॉप में काम करने वाले एक व्यक्ति को छात्र छात्रावास में जबरन घुसा दिया गया और क्रिकेट बैट और हॉकी स्टिक से उसकी पिटाई की गई. पुलिस ने उसे बचाया और अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.

26 जून: उत्तर 24 परगना के बिशरपाड़ा में लोकल ट्रेन में यात्रियों ने एक महिला और उसके बच्चे पर हमला किया. महिला को बचाने के लिए रेल पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

27 जून: विधाननगर के इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स थाना अंतर्गत पोलनाइट इलाके में 26 वर्षीय युवक की रात भर पिटाई की गई. उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

27 जून: पेट्रापोल (उत्तर 24 परगना) में बच्चा चोर के संदेह में एक मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति की स्थानीय युवकों ने पिटाई की. पुलिस ने घायल युवक को बचाया.

2 जुलाई: कोलकाता के सियालदह में एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास भीड़ ने एक व्यक्ति की पिटाई की. ड्यूटी पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस ने उसे बचाया.