'SEBI की चेयरपर्सन होकर माधुरी बुच ने ICICI से सैलरी कैसे ली?' अब कांग्रेस ने उठाए सवाल
SEBI Chief Madhuri Puri Buch: कांग्रेस पार्टी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर सवाल उठाए हैं कि सेबी चीफ माधुरी पुरी बुच ने अपने इस पद पर रहते हुए भी ICICI बैंक से सैलरी ली. कांग्रेस ने इस मामले में माधुरी पुरी बुच, ICICI बैंक और पीएम नरेंद्र मोदी से भी सवाल पूछे हैं.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी चीफ माधुरी पुरी बुच और उनके पति का नाम सामने आने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी हमलावर है. अब कांग्रेस ने माधुरी पुरी बुच के अलावा आईसीआईसीआई बैंक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल पूछे हैं. कांग्रेस ने पीएम मोदी ने सवाल पूछा है कि वह ऐसी संस्थाओं में नियुक्ति करते समय किन मानदंडों को ध्यान में रखते हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि सेबी चीफ होते हुए माधुरी पुरी बुच ने आईसीआईसीआई से करोड़ों रुपये की सैलरी ली. उसने माधुरी बुच से पूछा है कि इतने पैसों के बदले में उन्होंने ICICI को क्या सेवाएं दे रही थीं? कांग्रेस ने कहा है कि अगर माधुरी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म बची हो तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
पवन खेड़ा ने आरोप लगाए हैं कि माधुरी बुच सेबी की चेयरपर्सन होते हुए ICICI से भी सैलरी लेती रही हैं. उन्होंने आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'माधबी बुच मार्केट की रेगुलेटर हैं, SEBI की चेयरपर्सन हैं, तब भी वह ICICI बैंक से वेतन कैसे ले सकती हैं? 2017-2024 के बीच इन्होंने ICICI प्रूडेंशियल से 22,41,000 रुपए क्यों लिए? आखिर वह ICICI को क्या सेवाएं दे रही थीं?'
'शतरंज का खेल चल रहा है, मोहरा हैं माधुरी बुच'
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'देश में शतरंज का खेल चल रहा है. आज हम उसी शतरंज के खेल के एक मोहरे के बारे में आपको बताएंगे और वह नाम है- माधबी पुरी बुच. माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं. फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं. SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं. माधबी पुरी बुच SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होते हुए रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपये थी.'
उन्होंने आगे कहा, 'वह ICICI प्रूडेंशियल, ESOP और ESOP का TDS भी ICICI बैंक से ले रही थीं. इसलिए हम जानना चाहते हैं कि आप SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होने के बाद भी अपना वेतन ICICI से क्यों ले रही थीं? यह सीधे-सीधे SEBI के सेक्शन-54 का उल्लंघन है. इसलिए अगर माधबी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म होगी तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.'
कांग्रेस की ओर से पवन खेड़ा ने ICICI बैंक से भी सवाल पूछे हैं. ये सवाल हैं:-
- क्या ICICI ने किसी भी जगह SEBI के मेंबर को वेतन देने की बात सार्वजनिक की?
- ICICI सेबी की चेयपर्सन को सैलरी देने की आड़ में वह क्या सुविधा ले रहे थे?
- आखिर ICICI बैंक ने सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी क्यों नहीं दी?
- ICICI बैंक ने ESOP के नियम का उल्लंघन करके इनको लाभ क्यों दिए?
- पवन खेड़ा ने आगे कहा, 'SEBI से मैं पूछना चाहता हूं कि क्या ऐसी और भी कंपनियां हैं, जिससे आप और आपके परिवार के सदस्य इस तरह के लाभ उठा रहे हैं.'
कांग्रेस ने पीएम मोदी से भी कुछ सवाल पूछे हैं. ये सवाल हैं:-
- प्रधानमंत्री जी, आप जब रेगुलेटरी बॉडी के प्रमुखों की नियुक्ति करते हैं तो उनके लिए क्या उचित मानदंड रखते हैं?
- क्या प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली ACC के सामने SEBI चेयरपर्सन की नियुक्ति से पहले/बाद में उनके बारे में ये चौंकाने वाले तथ्य आए थे?
- क्या प्रधानमंत्री को पता था कि माधबी पुरी बुच SEBI के कार्यकाल में लाभ के पद पर होने के बावजूद ICICI से सैलरी ले रही थीं?
- क्या प्रधानमंत्री को मालूम है कि SEBI की चेयरपर्सन/पूर्णकालिक सदस्य के रूप में ICICI के खिलाफ शिकायतों का निपटारा कर रही थीं और साथ ही ICICI से इनकम ले रहीं थीं?
- SEBI की चेयरपर्सन/पूर्णकालिक सदस्य को ESOP प्रॉफिट ICICI छोड़ने के बाद भी क्यों मिलता रहा, क्या इस बारे में प्रधानमंत्री जानते थे?
- प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि SEBI की चेयरपर्सन के बारे में इतने खुलासे होने के बाद भी उन्हें कौन बचा रहा है और क्यों?