हिंडनबर्ग रिपोर्ट में सेबी चीफ माधुरी पुरी बुच और उनके पति का नाम सामने आने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी हमलावर है. अब कांग्रेस ने माधुरी पुरी बुच के अलावा आईसीआईसीआई बैंक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सवाल पूछे हैं. कांग्रेस ने पीएम मोदी ने सवाल पूछा है कि वह ऐसी संस्थाओं में नियुक्ति करते समय किन मानदंडों को ध्यान में रखते हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि सेबी चीफ होते हुए माधुरी पुरी बुच ने आईसीआईसीआई से करोड़ों रुपये की सैलरी ली. उसने माधुरी बुच से पूछा है कि इतने पैसों के बदले में उन्होंने ICICI को क्या सेवाएं दे रही थीं? कांग्रेस ने कहा है कि अगर माधुरी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म बची हो तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
पवन खेड़ा ने आरोप लगाए हैं कि माधुरी बुच सेबी की चेयरपर्सन होते हुए ICICI से भी सैलरी लेती रही हैं. उन्होंने आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'माधबी बुच मार्केट की रेगुलेटर हैं, SEBI की चेयरपर्सन हैं, तब भी वह ICICI बैंक से वेतन कैसे ले सकती हैं? 2017-2024 के बीच इन्होंने ICICI प्रूडेंशियल से 22,41,000 रुपए क्यों लिए? आखिर वह ICICI को क्या सेवाएं दे रही थीं?'
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'देश में शतरंज का खेल चल रहा है. आज हम उसी शतरंज के खेल के एक मोहरे के बारे में आपको बताएंगे और वह नाम है- माधबी पुरी बुच. माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं. फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं. SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं. माधबी पुरी बुच SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होते हुए रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपये थी.'
देश में शतरंज का खेल चल रहा है। आज हम उसी शतरंज के खेल के एक मोहरे के बारे में आपको बताएंगे और वो नाम है: माधबी पुरी बुच।
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• माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं।
• फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं।
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उन्होंने आगे कहा, 'वह ICICI प्रूडेंशियल, ESOP और ESOP का TDS भी ICICI बैंक से ले रही थीं. इसलिए हम जानना चाहते हैं कि आप SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होने के बाद भी अपना वेतन ICICI से क्यों ले रही थीं? यह सीधे-सीधे SEBI के सेक्शन-54 का उल्लंघन है. इसलिए अगर माधबी पुरी बुच में थोड़ी भी शर्म होगी तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.'