दिल्ली-एनसीआर के लिए कितना खतरनाक है भूकंप? एक क्लिक में समझें
Earthquake In Delhi: सोमवार, 17 फरवरी 2025 की सुबह दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया. भले ही झटके हल्के थे, लेकिन यह क्षेत्र पहले से ही जोन-4 में आता है, जहां भूकंप का खतरा ज्यादा रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली को हिमालय में आने वाले बड़े भूकंपों से भी खतरा है, इसलिए सतर्कता जरूरी है.
Earthquake In Delhi: सोमवार, 17 फरवरी 2025 की सुबह, दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के तेज धटके महसूस किए गए. इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई. नई दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम समेत पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में महसूस किए गए और इसका केंद्र धौला कुंआ बताया जा रहा है. इस भूकंप के चलते भविष्य में संभावित चिंताओं को बढ़ा दिया है.
ऐसे में एक सवाल उठता है कि क्या दिल्ली-एनसीआर भूकंप के प्रति संवेदनशील है? और क्या भविष्य में भी बड़े भूकंपों का सामना करना पड़ सकता है? चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब.
दिल्ली-एनसीआर क्यों है भूकंप के प्रति संवेदनशील?
दिल्ली-एनसीआर भारत के भूकंपीय जोन मैप के अनुसार जोन-4 में आता है, जो ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में गिना जाता है. यह इलाका भारतीय और नेपाल की टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव क्षेत्र में मौजूद है, जिससे हिमालय का निर्माण हुआ है. इन प्लेटों की लगातार हलचल इस क्षेत्र को बार-बार भूकंप का शिकार बनाती है. ऐसे में यही कारण है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में कम या मीडियम तीव्रता के भूकंप अक्सर महसूस किए जाते हैं.
क्या भविष्य में आ सकता है बड़ा भूकंप?
कम तीव्रता के भूकंप (5.0 से कम) दिल्ली-एनसीआर में आम हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इन झटकों के बाद बड़ा भूकंप (6.0 या उससे ज्यादा) आए. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में बड़ा भूकंप आने की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. पहले के आंकड़ों के अनुसार, ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप कम ही आते हैं, लेकिन जब आते हैं तो उनका असर काफी विनाशकारी साबित होता है.
भूकंप से बचने के लिए क्या करना चाहिए?
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बिल्डिंग्स की मजबूती की जांच: यह सुनिश्चित करना कि इमारतें भूकंप रेस्सिटेंट हों और ऐसे झटकों को सहन कर सकती हैं.
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पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन: लोगों को भूकंप के दौरान सही कदम उठाने की जानकारी दी जाए.
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इमरजेंसी प्लानिंग: प्रशासन को प्रभावी डिजास्टर मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी अपनानी होगी, जिससे किसी भी बड़े भूकंप की स्थिति में नुकसान को कम किया जा सके.
दिल्ली के लिए क्यों है बढ़ता खतरा?
दिल्ली-एनसीआर को सिर्फ स्थानीय भूकंपों से ही नहीं, बल्कि हिमालय क्षेत्र में आने वाले बड़े भूकंपों से भी खतरा है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर हिमालय में 7.5 या उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आता है, तो उसका असर दिल्ली तक महसूस किया जा सकता है. यही कारण है कि इस क्षेत्र को हाई सिस्मिक जोन में रखा गया है और यहां सतर्कता बरतने की सख्त जरूरत है.
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