अगर अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आए तो AAP को क्या होंगे फायदे? जानिए एक-एक बात
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट से गुरुवार को जमानत मिल गई. अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आ रहे हैं. उनके डिप्टी रहे मनीष सिसोदिया, अभी जेल में ही हैं. आम आदमी पार्टी, दिल्ली के जल संकट पर बुरी तरह से घिरी हुई है. भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि दिल्ली सरकार जल माफियाओं से मिली है. तमाम आरोपों के बीच अरविंद केजरीवाल के रिहा होने से AAP को क्या लाभ होते हैं, आइए समझते हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है. शुक्रवार को उनकी रिहाई हो सकती है. ऐसे वक्त में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की टॉप लीडरशिप जेल में है, उनकी रिहाई, पार्टी के लिए बेहद अहम है. पार्टी के एक और दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया अभी जेल में हैं, उनकी जमानत याचिका बार-बार खारिज हो रही है. 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए थे, तब से लेकर अब तक, उन्हें दो बार जमानत मिल चुकी है. पार्टी उनकी जमानत को जीत के तौर पर देख रही है.
अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं. पार्टी के सारे बड़े फैसले वही लेते हैं. ऐसे में उनके जेल में रहने से कई रणनीतिक फैसले अटक रहे थे. अब उनकी रिहाई से पार्टी को बड़ी राहत मिलने जा रही है. लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बहुत खराब रहा. पार्टी को उम्मीद थी कि पंजाब में ज्यादा सीटें हासिल करेगी लेकिन महज 3 सीटों पर सिमट गई. दिल्ली में खाता नहीं खुला. किसी और राज्य में बढ़त नहीं मिली. अब वे जेल से बाहर आकर पार्टी के लिए रणनीति तैयार करेंगे. उनका सारा जोर, साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है.
ऐसे वक्त में जब आम आदमी पार्टी दिल्ली में जल संकट के लिए भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर है, तब उनकी रिहाई पार्टी के लिए बेहद अहम हो जाती है. कैसे, आइए समझते हैं.
1. जल संकट पर घिरी AAP, क्या बनेंगे पार्टी के लिए संकट मोचक?
दिल्ली में जल संकट को लेकर ब्लेम-गेम चल रहा है. हिमाचल प्रदेश पानी देने के लिए तैयार है, हरियाणा सरकार, पानी रोक नहीं रहा है, फिर भी अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पानी पर राज्य सरकारें सहयोग नहीं कर रही हैं. बीजेपी का कहना है दिल्ली में आम आदमी पार्टी, जल माफियाओं पर मेहरबान है, उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है, इस वजह से दिल्ली में जल संकट की स्थिति पैदा हो गई है. अरविंद केजरीवाल, ऐसी परिस्थितियों में तत्काल प्लान बनाने वाले नेता रहे हैं. वे जल संकट पर भी कोई नया दांव चल सकते हैं, जिससे बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़े.
2. महिलाओं को 1000 रुपये वाला दांव, केजरीवाल करेंगे लागू!
अरविंद केजरीवाल ने कुछ महीने पहले ऐलान किया था कि वे दिल्ली में महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देंगे. दिल्ली की महिला सम्मान राशि योजना वे लागू कर सकते हैं. अरविंद केजरीवाल के फ्रीबीज वाले दांव, बेहद सफल रहे हैं. हरियाणा में साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं. दिल्ली से पंजाब तक, अरविंद केजरीवाल का ये दांव कभी उल्टा नहीं पड़ा है. ये दांव भी अरविंद केजरीवाल की पार्टी में नया उत्साह भर सकता है.
3. क्या रुक जाएगा आम आदमी पार्टी का बिखराव?
आम आदमी पार्टी में स्वाति मालीवाल केस को लेकर तनाव चल रहा है. अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार पर आरोप हैं कि उन्होंने स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की है. इस केस में विभव कुमार जेल में हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल की चुप्पी पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं. अब उनकी छवि महिला विरोधी भी बनती जा रही है. इसे लेकर पार्टी में बिखराव भी नजर आ रहे हैं. अरविंद केजरीवाल की पार्टी के कुछ नेता इसे बीजेपी की चाल बताते हैं. ऐसे मुश्किल वक्त में अरविंद केजरीवाल अपनी पार्टी के बिखराव को रोक सकते हैं. उन्होंने पंजाब से लेकर दिल्ली तक, पार्टी में किसी विद्रोह को बहुत लंबे वक्त तक चलने नहीं दिया है.
4. NET और NEET पर आंदोलन, अपने पक्ष में बना लेंगे माहौल?
लोकसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल, 10 साल से दिल्ली में अपना खाता नहीं खोल पा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अब उनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल है. आम आदमी पार्टी से युवा बड़ी संख्या में जुड़े हैं. पार्टी का आंदोलनकारी इतिहास रहा है. केंद्र को घेरने के लिए उन्हें मुद्दा मिल जाएगा. नेट और नीट दोनों परीक्षाओं में धांधली और पेपरलीक के बाद से केंद्र के खिलाफ युवा आक्रोशित हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली और पंजाब में अरविंद केजरीवाल आंदोलन को नई दिशा दे सकते हैं. वे आंदलोनों को भुनाने में सफल रहे हैं.