Home Minister Amit Shah: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को बताया कि तीनों नए आपराधिक कानूनों को केंद्र शासित प्रदेश में "कुल मिलाकर" सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह आवश्यक है कि नागरिकों को इन नए कानूनों के प्रावधानों के बारे में पूरी जानकारी दी जाए.
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित तीनों कानूनों की समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
Amit Shah holds review meeting on implementation of new criminal laws in J-K
— ANI Digital (@ani_digital) February 18, 2025
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कानूनों के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियां
अब्दुल्ला ने बताया कि बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में तीनों कानूनों के सुचारू क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा, "हमने यह भी विचार किया कि किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है और इन कानूनों को और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं." उनके अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में यह जानकारी दी कि अब तक 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसी तरह की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की जा चुकी है।
चुनौतियों के बावजूद सफल क्रियान्वयन
उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में नए कानूनों का क्रियान्वयन, कुछ चुनौतियों को छोड़कर, कुल मिलाकर सफल रहा है। इन मुद्दों को जल्द ही सुलझाया जाएगा." हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नए कानूनों का क्रियान्वयन चुनी हुई सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन जनता को इनके प्रावधानों और कार्यवाही के बारे में जागरूक करना आवश्यक है, क्योंकि ये नए कानून हैं.
जन-जागरूकता पर जोर
अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि "हमें इन तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे में लोगों को जागरूक करना होगा, चाहे वह कॉलेज हों, विश्वविद्यालय हों या अन्य सार्वजनिक स्थान हों." उन्होंने कहा कि जन-जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इन कानूनों के प्रावधानों के बारे में सूचित किया जाएगा, ताकि वे नए नियमों को बेहतर तरीके से समझ सकें.
कानून-व्यवस्था पर चर्चा नहीं
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने कहा, "यह मुद्दा पहले ही संसद में मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के दौरान चर्चा में आ चुका है."
सुरक्षा समीक्षा बैठकों में अनुपस्थिति पर स्पष्टीकरण
जब उनसे पूछा गया कि वह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के लिए सुरक्षा समीक्षा से संबंधित दो बैठकों में शामिल क्यों नहीं हुए, तो अब्दुल्ला ने कहा, "अगर यह फैसला लिया गया है कि चुनी हुई सरकार को इन बैठकों में नहीं बुलाया जाएगा, तो हमारे पास इसका कोई विकल्प नहीं है."
मुख्य निर्वाचन आयुक्त पर राहुल गांधी की असहमति
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की असहमति पर पूछे गए सवाल के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने कहा, "असहमति जताना राहुल गांधी का अधिकार था और उन्होंने इसका प्रयोग किया." उन्होंने कहा, "ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि विपक्ष के नेता को हमेशा सरकार के फैसलों से सहमत होना चाहिए. असहमति व्यक्त करना लोकतंत्र का हिस्सा है और यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है."
नए कानूनों का उद्देश्य और महत्व
गौरतलब है कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है. इन नए कानूनों का उद्देश्य भारतीय न्याय प्रणाली को अधिक सुसंगत, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है.