छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 50 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है. इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (30 मार्च) को नक्सलवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में एक अहम कदम माना है.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक पोस्ट शेयर की. जिसमें उन्होंने लिखा, "बहुत खुशी का विषय है कि बीजापुर (छत्तीसगढ़) में 50 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया. हिंसा और हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वालों का मैं स्वागत करता हूँ.
बहुत हर्ष का विषय है कि बीजापुर (छत्तीसगढ़) में 50 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया। हिंसा और हथियार छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वालों का मैं स्वागत करता हूँ। मोदी जी की नीति स्पष्ट है कि जो भी नक्सली हथियार छोड़कर विकास का मार्ग अपनाएँगे, उनका…
— Amit Shah (@AmitShah) March 30, 2025
प्रधानमंत्री मोदी की नीति का अमित शाह ने किया जिक्र
अमित शाह ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति स्पष्ट है कि जो नक्सली अपने हथियार छोड़कर विकास की राह अपनाएंगे, उन्हें पुनर्वास किया जाएगा और मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा. यह बयान नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की नीति को स्पष्ट करता है, जिसमें नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
आगे का रास्ता: नक्सलवाद का अंत
गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से अपील की है कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आएं. उन्होंने कहा, "31 मार्च, 2026 के बाद देश में नक्सलवाद केवल इतिहास बनकर रह जाएगा. यह बयान नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की संकल्प शक्ति को और मजबूत करता है, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को प्राथमिकता देने के साथ-साथ हिंसा के रास्ते को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है.
नक्सलवाद के खिलाफ सरकार का अभियान जारी
अमित शाह के इस बयान से ये साफ है कि केंद्र सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हिंसा से दूर रहने वाले नक्सलियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रयासरत है. छत्तीसगढ़ में हुए इस आत्मसमर्पण को नक्सलवाद के खिलाफ एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है.