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India Daily

Hola Mohalla 2025: ट्रैक्टरों और ट्रकों पर बड़े स्पीकरों पर प्रतिबंध, उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

पंजाब में 10-15 मार्च तक होला मोहल्ला उत्सव के दौरान ट्रैक्टरों और ट्रकों पर बड़े स्पीकरों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पुलिस ने चेतावनी दी है कि उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Edited By: Anvi Shukla
hola mohalla
Courtesy: social media

Hola Mohalla Punjab Advisory: होला मोहल्ला उत्सव 10 से 15 मार्च तक श्री आनंदपुर साहिब और श्री किरतपुर साहिब में आयोजित किया जाएगा. अधिकारियों ने उत्सव के दौरान ट्रैक्टरों और ट्रकों पर स्पीकरों पर प्रतिबंध लगा दिया है. रुपनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने कहा कि पंजाब के सभी जिलों में पुलिस को स्टेशन हाउस अधिकारियों और यातायात अधिकारियों को आदेश जारी करने का निर्देश दिया गया है.

ट्रक यूनियनों और पंचायतों को सूचित किया गया है कि दोहरी डेकर ट्रक, ट्रैक्टर ट्रॉली पर बड़े स्पीकर, मोटरसाइकिलों पर प्रेशर हॉर्न और साइलेंसर के बिना मोटरसाइकिलें उत्सव के दौरान श्री आनंदपुर साहिब और श्री किरतपुर साहिब में प्रवेश नहीं कर पाएंगी.

गुलनीत सिंह खुराना ने कहा

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूपनगर, गुलनीत सिंह खुराना ने कहा, 'यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. शोर प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को आगे बढ़ने से पहले उनके स्पीकरों को तुरंत हटा दिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि यह निर्णय श्रद्धालुओं को असुविधा से बचाने के लिए लिया गया था. उन्होंने 2023 के उत्सव के दौरान एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें एक सिख युवक की एक ट्रैक्टर लाउडस्पीकर के विवाद के बाद मौत हो गई थी. खुराना ने उपस्थित लोगों से यातायात नियमों और पुलिस के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया, ताकि उत्सव बिना किसी घटना के सम्पन्न हो सके.

क्या है होला मोहल्ला त्योहार?

होला मोहल्ला आमतौर पर मार्च में आयोजित एक तीन दिवसीय सिख त्योहार है. यह चेट के चंद्र मास के दूसरे दिन पड़ता है, जो अक्सर हिंदू त्योहार होली के एक दिन बाद होता है. भारत और विदेशों के विभिन्न हिस्सों से सिख बड़ी संख्या में इस आयोजन में भाग लेते हैं. यह त्योहार सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें वे अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं और अपने धर्म के प्रति अपनी भक्ति को प्रदर्शित करते हैं.

होला मोहल्ला के दौरान, सिख योद्धा अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं, जिसमें घुड़सवारी, तलवारबाजी, और अन्य युद्ध कौशल शामिल हैं. वे अपने पारंपरिक परिधानों में तैयार होते हैं, जिनमें उनके प्रसिद्ध निहंग पगड़ी शामिल हैं. यह त्योहार सिखों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें वे अपनी सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं और अपने धर्म के प्रति अपनी भक्ति को प्रदर्शित करते हैं.