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India Daily

खतरे में है भारत, कोविड के बाद HMPV वायरस की एंट्री, लक्षण-सावधानी के साथ जानें कितना है जोखिम!

HMPV के मामलों ने भारत में स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है. हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि फिलहाल स्थिति चिंताजनक नहीं है. इस वायरस से बचने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है.

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Edited By: Babli Rautela
HMPV In India
Courtesy: Social Media

HMPV In India: कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबरने के कुछ सालों बाद, एक नया वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने दुनियाभर में स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. चीन में इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, और अब भारत में भी HMPV के कुछ मामले सामने आए हैं.

बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में HMPV संक्रमण का पता चला है. कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने इस रिपोर्ट की पुष्टि करते हुए कहा कि यह परीक्षण उनकी लैब में नहीं हुआ, बल्कि एक निजी अस्पताल में किया गया था.

क्या है HMPV वायरस?

HMPV एक श्वसन वायरस है, जो सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है. यह वायरस विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है. एक्सपर्ट का कहना है कि यह वायरस सर्दियों में ज्यादा एक्टिव रहता है और इन्फ्लूएंजा ए, कोविड-19, और माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जैसे संक्रमणों के साथ मिलकर गंभीर श्वसन समस्याएं पैदा कर सकता है.

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलेंस प्रोग्राम (IDSP) ने कर्नाटक में HMPV के दो मामलों की पुष्टि की है. हालांकि, वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. 

HMPV वायरस के लक्षण

  • बुखार
  • खांसी
  • गले में खराश
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान और कमजोरी
  • सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण

डॉक्टरों का कहना है कि HMPV का संक्रमण आमतौर पर गंभीर नहीं होता है. हालांकि, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों और बच्चों में यह अधिक गंभीर हो सकता है.

कैसे करें बचाव?

  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को ढकें.
  • साबुन और पानी से हाथ धोते रहें.
  • बीमार होने पर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें.
  • शारीरिक दूरी बनाए रखें.
  • बच्चों और बुजुर्गों की विशेष देखभाल करें.

HMPV और कोविड-19 दोनों ही श्वसन संक्रमण का कारण बनते हैं, लेकिन HMPV कोविड-19 जितना संक्रामक नहीं है. फिर भी, एक्सपर्ट का कहना है कि HMPV को हल्के में नहीं लेना चाहिए, खासकर जब यह दूसरे श्वसन संक्रमणों के साथ मिलकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है.