पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने सोमवार को भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पित होने की संभावनाओं पर संदेह जताया. उन्होंने चोकसी की यूरोप में शीर्ष कानूनी सहायता तक पहुंच का हवाला दिया. 65 वर्षीय फरार हीरा व्यापारी को शनिवार को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने मांग की है कि भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत लाने के साथ ही उसके द्वारा लूटा गया पैसा भी भारत लाया जाए.
एएनआई से बात करते हुए, हरिप्रसाद ने याद किया कि कैसे चोकसी पहले डोमिनिका में हिरासत में लिए जाने पर कानूनी कार्यवाही से बचने में कामयाब रहा था. उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण कोई आसान काम नहीं है. चोकसी का बटुआ भरा हुआ है और वह विजय माल्या की तरह इस प्रक्रिया से बचने के लिए यूरोप में सबसे अच्छे वकीलों को नियुक्त करेगा. मुझे नहीं लगता कि भारत के लिए उसे वापस लाना आसान होगा.
100 से अधिक फ्रेंचाइजी को धोखा दिया
हरिप्रसाद ने कहा, जब वह एंटीगुआ (डोमिनिका) और अन्य द्वीपों में पकड़ा गया था, तो वह वहां से भागने में सफल रहा, क्योंकि उसके पास वकीलों का एक बेड़ा है. लेकिन मैं कामना करता हूं और उम्मीद करता हूं कि इस बार भारत सरकार सफल होगी. उन्होंने यह भी बताया कि चोकसी ने कथित तौर पर 100 से अधिक फ्रेंचाइजी को धोखा दिया है, जिनमें से कई ने विभिन्न भारतीय शहरों में मामले दर्ज किए हैं.
चोकसी के पास बहुत पैसा
पीएनबी घोटाले के मुखबिर ने कहा, "यहां तक कि मुझे भी बेंगलुरु पुलिस से उसकी गिरफ्तारी का वारंट मिला था, लेकिन वास्तव में कुछ नहीं हुआ क्योंकि वह कानून के शिकंजे से बच निकलने में काफी चतुर था. भारत में कानूनी व्यवस्था निस्संदेह बहुत अच्छी है, लेकिन प्रत्यर्पण प्रक्रिया उस देश पर निर्भर करती है जिसके साथ हम काम कर रहे हैं. यह केसआसान नहीं होने वाला है, क्योंकि चोकसी पास बहुत पैसा है."
बता दें कि हरिप्रसाद ने सबसे पहले 26 जुलाई, 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे एक पत्र में घोटाले के बारे में जानकारी दी थी. चोकसी 2 जनवरी, 2018 को भारत से भाग गया था. वह अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ लगभग 14,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी में कथित भूमिका के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा वांछित है.