'हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी...', जानें ओवैसी ने CM सरमा को जमकर क्यों घेरा?
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एक पोस्ट के जरिये हिमंत बिस्वा सरमा सोच को उजागर करने की बात कहते हुए हिंदुत्व को स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी बताया है.
नई दिल्ली: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर करारा हमला होला है. ओवैसी ने एक पोस्ट के जरिये हिमंत बिस्वा सरमा सोच को उजागर करने की बात कहते हुए हिंदुत्व को स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी बताया है.
'हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी?'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा " हाल ही में हटाए गए एक पोस्ट में असम के मुख्यमंत्री ने समाज के बारे में अपने दृष्टिकोण को विस्तार से बताया "..खेती, गाय पालना और बिजनेस वैश्यों का स्वाभाविक कर्तव्य है और ब्राह्मणों, क्षत्रियों व वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का स्वाभाविक कर्तव्य है. संवैधानिक पद पर रहते हुए आपकी शपथ प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार करने की है. लेकिन आपकी यह सोच उस दुर्भाग्यपूर्ण क्रूरता को दिखाती है जिसका सामना असम के मुसलमानों ने पिछले कुछ वर्षों में किया है. हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय का विरोधी है."
जानें इस पोस्ट पर कैसे चौतरफा घिरे CM सरमा?
दरअसल बीते दिनों मंगलवार (26 दिसंबर) को सुबह 10 बजे असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया था. इस 48 सेकंड के वीडियो में क्षत्रिय को समाज का कुलीम बताते हुए उनका महिमामंडन किया गया था. जबकि शूद्र को सबकी सेवा करने वाले वर्ण के रूप में परिभाषित किया गया था. इस पोस्ट से जुड़ा स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर जमकर खूब वायरल हुआ. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने CM हिमंत बिस्वा सरमा के इस पोस्ट की आलोचना की थी. इस पोस्ट को लेकर विवादों में घिरने के बाद CM सरमा ने इसे डिलीट कर दिया.