Hindi Diwas 2023 : सबसे पहले आप सभी को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) की शुभकामनाएं. भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली और विश्व में चौथे नंबर पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली हिंदी भाषा इतनी समृद्धि है कि आप कल्पना ही नहीं कर सकते है. भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषाओं को शामिल किया गया है. इसमें हिंदी समेत अन्य भाषाएं जैसे तमिल, तेलगू, कन्नड आदि शामिल हैं. आज (14 September) राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Diwas) है. इस मौके पर देश ही नहीं दुनिया के अलग-अलग देशों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
देश में हर साल 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi day) के रूप में मनाया जाता है. इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर 10 जनवरी को भी हिंदी दिवस मनाया जाता है लेकिन ये विश्व हिंदी दिवस होता है. अगर आप दोनों तारीखों को लेकर कंफ्यूज हैं तो इस कन्फ्यूजन को दूर कर लीजिए. 10 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदी दिवस तो 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है.
भारत विविधताओं से भरा देश हैं. हमारे यहां अनेकों भाषाएं बोली जाती है. अंग्रेजी के प्रभाव से हिंदी का प्रभुत्व कम होता जा रहा था. इसी को देखते हुए राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाने का फैसला किया गया था ताकि हमारी हिंदी भाषा की अनदेखी न की जा सके. हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का मुद्दा कई बार उठा लेकिन अन्य भाषाओं का समर्थन करने वाले राज्यों ने इसका विरोध किया. इसलिए हिंदी को राष्ट्रभाषा की जगह राजभाषा का दर्जा दिया गया. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा के रूप सर्वसम्मति से पारित किया था.
आप हिंदी भाषा की समृद्धता का पता इसी से लगा सकते हैं, जिसकी वर्णमाला अ से अनपढ़ से लेकर शुरू होती है और ज्ञ से ज्ञानी तक जाकर खत्म होती है. एक से एक ऐसे विद्वान हुए उन्होंने इस कथन को सिद्ध किया है. हमारे देश के एक से ऐसे कवि हुए जिनकी हिंदी में लिखी लिखी रचनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खूब नाम कमाया है. चाहे फिर वो हरिवंश राय बच्चन हों या फिर रामधारी सिंह दिनकर जैसे कवि हो या फिर उपन्यास लिखने वाले मुंशी प्रेमचंद या धर्मवीर भारतीय हो. सभी ने हिंदी भाषा (Hindi Bhasha) में जो रचनाएं की हैं वो जीवंत हैं, जिन्हें कभी नहीं भूला जा सकता है.
भारत की आजादी के पहले ही हिंदी भाषा (Hindi Language) को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा मिल चुका था. 14 सितंबर 1946 को भारतीय संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. देश के पहले प्राइम मिनिस्टर पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने (Hindi Diwas) का फैसला किया था. पहली दफा साल 1953 में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया गया था.
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