Himachal Pradesh Snowfall: आप गर्मी से झुलस रहे हैं? हिमाचल में बर्फबारी की तस्वीरें देख लीजिए, ठंडक मिलेगी
Himachal Pradesh Snowfall: बारिश, बर्फबारी के कारण हिमाचल प्रदेश में 100 से अधिक सड़कें अस्थायी तौर पर बंद हो गई है. मौसम विभाग ने 22 और 23 अप्रैल को येलो अलर्ट जारी किया है. 21 अप्रैल से 26 अप्रैल तक अगले छह दिनों के लिए पहाड़ियों पर और ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की गई है.
Himachal Pradesh Snowfall: अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं और इन दिनों तेज गर्मी से झुलस रहे हैं, तो आप हिमाचल प्रदेश की ताजा तस्वीरों और वीडियोज को देखकर आंखों को ठंडक पहुंचा सकते हैं. हिमाचल की हालत ऐसी है कि यहां की 100 से अधिक सड़कें बारिश और बर्फबारी के कारण अस्थायी तौर पर बंद हो गई है.
लाहौल और स्पीति, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा समेत कई सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे परिवहन और कनेक्टिविटी पर असर पड़ा है. इसके अलावा, भारी बारिश के कारण कांगड़ा में एक पुल बह गया, जिससे अधिकारियों को जल्द ही एक नए पुल के निर्माण की योजना बनाने का निर्देश दिया गया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 22 और 23 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बिजली गिरने के साथ आंधी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. येलो अलर्ट गंभीर मौसम की स्थिति का संकेत देता है जो दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है.
बारिश और बर्फबारी के बाद बिगड़ी स्थिति को संभालने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने यात्रियों की मदद के लिए सड़कों को साफ करना शुरू कर दिया है. अधिकारियों के मुताबिक, मनाली-केलांग राजमार्ग पर सिस्सू के पास सेल्फी प्वाइंट पर भारी भूस्खलन के कारण केलांग के लिए वाहनों की आवाजाही निलंबित कर दी गई.
कहां, कितनी बारिश?
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कोकसर में 19 सेमी बर्फबारी हुई. इसके बाद गोंडला में 16.5 सेमी, केलांग में 8.5 सेमी और कुकुमसेरी में 2.4 सेमी बर्फबारी दर्ज की गई है.
इसके अलावा, भरमौर और चंबा में 25 मिमी बारिश हुई, तिस्सा में 24.3 मिमी, सोलन में 24 मिमी, राजगढ़ में 20.4 मिमी, कल्पा में 20.2 मिमी, रेणुका में 19.4 मिमी, कुकुमसेरी में 19.3 मिमी, रिकांग पियो, डलहौजी, कोकसर और शिलारो 19 मिमी बारिश हुई है.
शनिवार शाम और रविवार सुबह भी शिमला और इसके आसपास के इलाकों में बिजली चमकने के साथ रुक-रुक कर बारिश होती रही और आसमान में घने बादल छाए रहे. बारिश और बर्फबारी ने किसान और फल उत्पादकों की चिंताएं बढ़ा दी है. किसानों के मुताबिक, तूफान और बर्फबारी से सेब और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंच सकता है.