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Himachal Pradesh News: पिक्चर अभी बाकी है... विक्रमादित्य ने फिर लिया बड़ा फैसला, क्या हिमाचल में कुछ बड़ा होने वाला है?

Himachal Pradesh Politics: हिमाचल के PWD यानी लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्‍य सिंह के ताजा कदम से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. उनके इस कदम के बाद संकेत मिल रहे हैं कि राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के बाद जो कुछ शुरू हुआ था, वो अभी शांत नहीं हुआ है.

Himachal Pradesh Politics: क्या हिमाचल में पिक्चर अभी बाकी है? ये सवाल इसलिए क्योंकि कांग्रेस के नेता विक्रमादित्य सिंह के एक नए फैसले के बाद पहाड़ी राज्य की राजनीति में हलचल फिर से तेज हो गई है. हालांकि, राज्य के मुखिया सुक्खू और पर्यवेक्षक के तौर पर हिमाचल आए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने सब ठीक होने की बात कही है. लेकिन विक्रमादित्य सिंह के नए कदम से कुछ और ही इशारे मिल रहे हैं.

दरअसल, 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में हिमाचल कांग्रेस के छह विधायकों की बगावत के बाद विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि कुछ घंटे बाद ही उन्होंने इस्तीफा वापस भी ले लिया था. अब उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में चेंज किया है. उन्होंने फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज के बायो में 'हिमाचल का सेवक' लिखा है. इससे पहले उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर PWD मिनिस्टर और MLA लिखा हुआ था. उन्होंने सोशल मीडिया पेज के बायो में कांग्रेस का जिक्र भी नहीं किया है.

Vikramaditya Singh

पार्टी और सरकार से नाराज चल रहे हैं विक्रमादित्य?

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य की पार्टी और सरकार से नाराजगी की लगातार खबरें आ रही हैं. 28 फरवरी को रोते-रोते सुक्खू सरकार से इस्तीफा देने वाले विक्रमादित्य सिंह ने हालांकि शाम को इसे वापस ले लिया था. लेकिन अब दो दिन बाद फिर से उनकी ओर से उठाए गए कदम से नाराजगी बरकरार रहने के संकेत मिल रहे हैं. इसका इशारा गुरुवार को भी उस वक्त मिला, जब वे सुक्खू कैबिनेट की बैठक के बीच से निकलकर बाहर आ गए.

Vikramaditya Singh

इस्तीफा देते वक्त विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा था?

28 फरवरी को सुक्खू कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मेरे दिवंगत पिता की मूर्ति लगाने के लिए सरकार की ओर से दो गज जमीन भी नहीं मिली. उन्होंने इस दौरान राज्य सरकार की काम करने के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि अब इस सरकार में बने रहना मेरे लिए ठीक नहीं है. उन्होंने ये भी कहा था कि मैंने मुख्यमंत्री और कांग्रेस आलाकमान का हमेशा सम्मान किया है. राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले विधायकों के बारे में उन्होंने कहा था कि उनकी अनदेखी हुई है और शायद जो हुआ है, वो उसी अनदेखी का परिणाम है.