क्रॉस वोटिंग की चिंगारी सुक्खू सरकार पर पड़ेगी भारी! क्या महाराष्ट्र की तरह हिमाचल में भी बदलेगी सत्ता
Himachal Pradesh Political Crisis: राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों की ओर से किए गए क्रॉस वोटिंग के बाद राज्यसभा उम्मीदवार की हार के बाद अब खबर है कि सुक्खू सरकार संकट में है.
Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में एक चौंका देने वाले परिणाम सामने आए हैं. जहां 68 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 सदस्यों की संख्या होने के बावजूद भी हार का सामना करना पड़ा. दरअसल, कांग्रेस के 6 विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी.
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और कांग्रेस उम्मीदवार की हार के बाद अब खबर है कि हिमाचल प्रदेश में मौजूदा कांग्रेस सरकार पर तलवार लटक गई है. सियासी गलियारों में हर तरफ इस बात की चर्चा तेज हो चुकी है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार गिर सकती है. बीजेपी की मानें तो सुक्खू सरकार ने अपना बहुमत खो दिया है.
राज्यसभा चुनाव में कैसे हारी कांग्रेस?
हरियाणा विधानसभा 68 सदस्यों वाली विधानसभा है जहां कांग्रेस पूर्ण बहुमत है. कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए ऐसा माना जा रहा था कि सिंघवी की जीत निश्चित है. यहां बीजेपी ने हर्ष महाजन को अपने उम्मीदवार बनाया था. इसके बाद राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को अपने 25 विधायकों के साथ साथ 6 कांग्रेस और 3 निर्दलीय विधायकों के वोट मिले. इस तरह से कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार को 34-34 वोट मिले. टाई होने के बाद लाटरी के माध्यम से चुनाव के परिणाम जारी किए गए और बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई.
राज्यसभा में हार के बाद सरकार पर लटकी तलवार
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी उम्मीदवार की जीत और कांग्रेस उम्मीदवार की हार के बाद अब सरकार पर तलवार लटकी हुई नजर आ रही है. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेज हो चुकी है कि हिमाचल में सुक्खू सरकार ने बहुमत खो दिया है. बीजेपी के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तो यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस के पास भारी बहुमत होने के बावजूद बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन जीत गए. कांग्रेस सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट पेश किए जाने से पहले जयराम ठाकुर ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने बजट पर मत विभाजन की मांग की थी. इसी बीच अटकलें लगाई जा रही है कि बीजेपी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है. अगर राज्यपाल को लगता है कि सरकार अल्पमत में है तो वह सीएम से बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं.