'जूनियर्स को आगे बढ़ाया', हाईकोर्ट कॉलेजियम से नाराज हिमाचल के 2 जजों का दुखड़ा, बोले- हमारे नामों पर भी हो विचार
HP Judges Upset With HC Collegium: हिमाचल प्रदेश डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के नाराज दो जजों ने कॉलेजियम से नाराज होकर सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की है. दोनों जजों ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट कॉलेजियम की ओर से जजों के सिलेक्शन प्रॉसेस पर सवाल उठाए हैं. कहा है कि कॉलेजियम ने उनके नाम पर विचार न करते हुए जूनियर्स को आगे बढ़ा दिया.
HP Judges Upset With HC Collegium: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट कॉलेजियम की ओर से जजों के सिलेक्शन प्रॉसेस पर सवाल उठाते हुए डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के 2 सीनियर जजों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. आरोप लगाया है कि कॉलेजियम ने न केवल उनकी योग्यता और सीनियोरिटी को नजरअंदाज किया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से अपने नामों पर विचार करने की अपील की है.
सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाने वाले दोनों जजों की पहचान बिलासपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज चिराग भानु सिंह और सोलन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज अरविंद मल्होत्रा के रूप में हुई है. दोनों जजों ने सुप्रीम कोर्ट से 4 जनवरी को पास किए गए प्रस्ताव के मतुाबिक अपने नामों पर विचार किए जाने के लिए निर्देश देने की मांग की. नाराज जजों ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री से अपील की थी और कानून मंत्री की ओर से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को चिट्ठी भेजी गई थी.
नाराज जजों का दावा- चिट्ठी में दोबारा विचार करने का अनुरोध किया गया था
नाराज जजों का दावा है कि केंद्रीय मंत्री की ओर से हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखी गई चिट्ठी में दोनों डिस्ट्रिक्ट जजों के नाम पर दोबारा विचार करने की अपील की गई थी. इसके बावजूद उनके नामों पर विचार नहीं किया गया.
जुलाई 2023 में की गई थी सिफारिश, फिर क्या हुआ था?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए जुलाई 2023 में चिराग भानू और अरविंद मल्होत्रा के नाम की सिफारिश खुद हाई कोर्ट कॉलेजियम ने की थी. लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया था. इसके बाद इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दोनों डिस्ट्रिक्ट जजों के नाम पर दोबारा विचार करने के लिए हाई कोर्ट कॉलेजियम को लिखा था.
क्या हैं नाराज डिस्ट्रिक्ट जजों के आरोप
नाराज दोनों डिस्ट्रिक्ट जज चिराग भानू और अरविंद मल्होत्रा का आरोप है कि दोबारा विचार करने की अपील के बावजूद उनके नाम पर हाई कोर्ट कॉलेजियम ने गौर नहीं किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सिनियोरिटी को नजरअंदाज करते हुए दो जूनियर्स के नामों की सिफारिश हाई कोर्ट के जजों के लिए की गई है. दोनों नाराज जजों ने उन जजों को अयोग्य बताया है, जिनकी नियुक्ति की सिफारिश हाई कोर्ट कॉलेजियम ने की है.