Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट टला नहीं है? ये सवाल इसलिए क्योंकि हिमाचल प्रदेश खे 11 विधायक शनिवार को भाजपा शासित उत्तराखंड पहुंचे. ये कोई साधारण बात नहीं है, क्योंकि विधायकों की अगुवाई विक्रमादित्य सिंह कर रहे थे. सबसे खास बात ये कि इन 11 विधायकों में विक्रमादित्य के अलावा, कांग्रेस वे छह बागी विधायक भी शामिल हैं, जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को वोट किया था. विक्रमादित्य समेत 11 विधायकों के अचानक भाजपा शासित राज्य पहुंचने के बाद आशंका जताई जा रही है कि हिमाचल कांग्रेस में अंदरूनी कलह अभी खत्म नहीं हुई है. साथ ही राजनीतिक संकट भी बरकरार है.
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह हरियाणा की नंबर प्लेट वाली एक बस ऋषिकेश के ताज होटल में पहुंची. बस के पहुंचने के बाद एक-एक कर हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी और 3 निर्दलीय विधायकों समेत 11 विधायक भारी सुरक्षा वाली बस से नीचे उतरे.
ये घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब दो दिन पहले कांग्रेस आलाकमान के बुलाए जाने पर सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली पहुंचे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे (सुखविंदर सुक्खू) राजनीतिक हालात पर रिपोर्ट पेश करने और लोकसभा चुनाव पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी गए थे.
ये पूछे जाने पर कि क्या वे 6 बागी विधायकों को वापस लेंगे, सुक्खू ने गुरुवार को कहा कि अगर किसी को अपनी गलती का एहसास होता है तो वह व्यक्ति एक और मौके का हकदार है. इससे पहले, हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस आलाकमान और बागी विधायकों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई है. अब जो भी फैसला होगा, वो पार्टी आलाकमान करेगा.
दरअसल, फरवरी में देश की 15 राज्यों में 50 से ज्यादा सीटों पर राज्यसभा के लिए वोटिंग हुई थी. इसमें हिमाचल की भी एक सीट थी. यहां कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है, लिहाजा कांग्रेस के उम्मीदवार के जीतने की पूरी संभावना थी. लेकिन जब नतीजे आए, तो कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा. दरअसल, वोटिंग के दौरान कांग्रेस के छह विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन का समर्थन कर उन्हें वोट दे दिया, जिससे भाजपा के प्रत्याशी को जीत मिल गई.
कांग्रेस के 6 बागी विधायकों के अलावा भाजपा प्रत्याशी को 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपना समर्थन दिया. कांग्रेस के 6 विधायकों में सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, राजिंदर राणा, इंदर दत्त लखनपाल, चेतन्य शर्मा और देविंदर कुमार भुट्टो शामिल हैं, जिन्हें बाद में स्पीकर ने अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके बाद से ये विधायक चंडीगढ़ शिफ्ट किए गए थे. अब ये विक्रमादित्य के साथ ऋषिकेश पहुंचे हैं. साथ ही उन्होंने अयोग्य घोषित करने के स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी है.