Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार एक तरफ हिमाचल कांग्रेस के बागी विधायकों ने अयोग्य घोषित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के दिग्गज नेता और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सभी बीजेपी विधायकों को शिमला में रहने के निर्देश दिए हैं.
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों के क्रॉस वोटिंग की जिसके बाद कांग्रेस उम्मीदवार की हार हो गई और बीजेपी उम्मीदवार ने जीत दर्ज कर ली. इसके बाद इन विधायकों ने विधानसभा में बजट पर मतदान के दौरान गायब रहे. विधायकों के बागी तेवर के बाद आज विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. अयोग्य घोषित होने के बाद विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
राज्य में जारी सियासी संकट के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीजेपी के सभी विधायकों को निर्देश देते हुए शिमला में रुकने के लिए कहा है. मीडिया से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा है कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बचाने के लिए सदन से बीजेपी के 15 विधायकों को सस्पेंड किया गया है.
विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने वाले कांग्रेस के 6 विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा का नाम शामिल हैं. इन विधायकों को अयोग्य घोषित करते हुए स्पीकर ने कहा कि इन विधायकों ने कांग्रेस व्हिप का उल्लंघन किया है जिसके चलते उन पर दल बदल रोधी कानून लागू होता है क्योंकि वे पार्टी के टिकट पर चुने गए थे. स्पीकर ने अपने फैसले में आगे कहा था कि ये सभी छह विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं और तत्काल प्रभाव से विधानसभा सदस्य नहीं रहेंगे.