झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. हाल ही में जेल से बाहर आए हेमंत सोरेन को सीएम बनाने के लिए मौजूदा सीएम चंपई सोरेन जल्द ही अपने पद से इस्तीफा भी दे सकते हैं. 5 महीने पहले हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी से ठीक पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था. हाल ही में कोर्ट ने यह कहते हुए उन्हें जमानत दे दी कि उन्हें दोषी मानने के लिए पर्याप्त सबूत नजर नहीं आते हैं. ऐसे में झारखंड के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चर्चाएं तेज हो गई हैं कि हेमंत सोरेन एक बार फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा उन्हीं की अगुवाई में चुनाव में उतर सकता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, JMM के एक नेता ने बताया है, 'चंपई सोरेन आज रात यानी बुधवार को ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं. इसके बाद नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.' बता दें कि हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. झारखंड की सरकार में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलावा कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भी शामिल हैं.
सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि आज रांची में हुई INDIA गठबंधन की बैठक में इसको लेकर फैसला कर लिया गया है और सभी दल इस पर सहमत भी हैं. अब औपचारिकताएं ही बाकी हैं.
INDIA गठबंधन के विधायक दल की बैठक में सभी सम्मानित सदस्यों के साथ बैठक हुई। pic.twitter.com/3A4zdM3DP0
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 3, 2024
मनी लॉन्ड्रिंग और खदानों के अवैध आवंटन के मामले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. लगभग 5 महीने जेल में बिताने के बाद अब हेमंत सोरेन को जमानत मिल गई है. हेमंत सोरेन की तरह ही अरविंद केजरीवाल भी सीएम रहते हुए गिरफ्तार हुए थे. हालांकि, केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया. हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से ठीक पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और अपने और परिवार के करीबी चंपई सोरेन को सीएम पद सौंप दिया था.
झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 28 जून को जमानत दे दी. हाई कोर्ट ने कहा कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य अभी नहीं हैं कि हेमंत सोरेन दोषी हैं. जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन ने कहा कि उनके खिलाफ साजिश रची गई और इसी साजिश के तहत उन्हें पांच महीने तक जेल में रखा गया था. उन्होंने आरोप लगाए कि जिन लोगों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई उन्हें जेल में डाल दिया गया.