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हेमंत सोरेन गिरफ्तार होने वाले झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री, जानें पहले किन दो CM को किस मामले में किया गया था अरेस्ट

जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी से पहले ED ने हेमंत सोरेन से 7 घंटे से अधिक पूछताछ की थी.

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Edited By: Om Pratap
Hemant Soren Jharkhand third Chief Minister to be arrested

Hemant Soren Jharkhand third Chief Minister to be arrested: हेमंत सोरेन गिरफ्तार होने वाले झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं. जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी से पहले ED ने हेमंत सोरेन से 7 घंटे से अधिक पूछताछ की थी. इसके बाद हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके थोड़ी देर बाद ही ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सूत्रों के मुताबिक, ED गुरुवार यानी आज हेमंत सोरेन को कोर्ट में पेश करेगी और उनकी हिरासत की मांग करेगी.

29 दिसंबर 2019 को झारखंड के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने वाले हेमंत सोरेन से ED ने बुधवार को पूछताछ की. इससे पहले ED की ओर से उन्हें पूछताछ के लिए 9 समन भेजे गए थे, लेकिन वे ED के सामने पेश नहीं हुए थे. बता दें कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले तक झारखंड से लेकर दिल्ली तक नाटकीय घटनाक्रम चला था, जिसमें कुछ घंटे के लिए हेमंत सोरेन को गायब बताया गया. फिर करीब 30 घंटे बाद वे अचानक रांची के मुख्यमंत्री आवास में मिले. इसके बाद उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की. 

बता दें कि हेमंत सोरेन को जिस मामले में गिरफ्तार किया गया है, उस मामले में पहले 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हेमंत सोरेन से पहले शिबू सोरेन और मधु कोड़ा को गिरफ्तार किया गया था. 15 नवंबर 2000 को झारखंड के गठन के बाद से राज्य ने अब तक छह मुख्यमंत्री और तीन बार राष्ट्रपति शासन देखा है. केवल एक सीएम रघुवर दास अपना कार्यकाल पूरा कर पाए हैं. वे 2014 से 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे. 

आइए, जानते हैं कि हेमंत सोरेन से पहले शिबू सोरेन और मधु कोड़ा को कब और किस मामले में गिरफ्तार किया गया था.

शिबू सोरेन...

झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन झारखंड के तीसरे, छठे और सातवें मुख्यमंत्री रहे हैं. 
दरअसल, 1975 में शिबू सोरेन की अगुवाई में चिरुडीह में हुई रैली में हिंसा भड़की थी. घटना में 11 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में शिबू सोरेन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था. इसी मामले में जामताड़ा की एक कोर्ट ने  शिबू सोरेन के खिलाफ 17 जुलाई 2004 को गैर जमानती वारंट जारी किया. इसके बाद शिबू सोरेन गायब हो गए थे.

ये वो समय था जब शिबू सोरेन केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार में कोयला मंत्री थे. चिरुडीह मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने और शिबू के गायब होने के एक हफ्ते बाद यानी 24 जुलाई 2004 को उन्होंने गायब रहते हुए केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया.   

इस्तीफा देने के 6 दिन बाद यानी 30 जुलाई 2004 को वे मीडिया के सामने आए और 2 अगस्त को सरेंडर करने की बात कही. उन्होंने तय समय पर सरेंडर किया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.हालांकि शिबू को उसी दिन जमानत भी मिल गई. बता दें कि इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2008 में शिबू सोरेन समेत 14 लोगों को बरी कर दिया था.

मधु कोड़ा...

मधु कोड़ा झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री रहे हैं. मधु कोड़ा अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजे थे. पूर्व की यूपीए सरकार के साथ गठबंधन में मधु कोड़ा 18 सितंबर 2006 से 24 अगस्त 2008 तक राज्य की बागडोर संभाली थी. कोड़ा पर मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप था.

कोड़ा कथित तौर पर एक खनन घोटाले में शामिल थे और उन पर सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कोयला और खनन ब्लॉक आवंटित करने के लिए रिश्वत लेने का सीबीआई और ईडी की ओर से आरोप लगाया गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, मधु कोड़ा और उनके सहयोगियों ने 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी 144 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली गई थी.

मधु कोड़ा को 2009 में गिरफ्तार किया गया था. कोड़ा को 2013 में जमानत पर रिहा कर दिया गया. साल 2017 में उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया गया था और 25 लाख रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी. बता दें कि मधु कोड़ा को हवाला लेनदेन और आय से अधिक संपत्ति के चार अन्य मामलों में भी दोषी ठहराया गया था.