Hemant Soren Arrest: हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है. झारखंड मुक्ति मोर्च के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन रांची राजभवन में 5 लोगों के लिए शाम 5.30 बजे राज्यपाल से मिलने जाएंगे. राज्यपाल ने 5 JMM विधायकों को मिलने का समय दिया है. इस दौरान विधायक दल के नेता चुने गए चंपई सोरेन भी मौजूद रहेंगे.
उधर भारी सुरक्षा के बीच हेमंत सोरेन को लेकर ईडी की टीम पीएमएलए कोर्ट पहुंची. कोर्ट में हेमंत सोरेन जिंदाबाद के नारे लगे. सूत्रों की मानें तो ईडी हेमंत सोरेन की 10 दिनों की रिमांड मांग की थी. ED को झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की रिमांड नहीं मिली है. कोर्ट ने ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया है. होटवार जेल में हेमंत सोरेन की रात कटेगी. अब कल फिर सुनवाई होगी.
बता दें कि हेमंत सोरेन को ईडी ने जमीन घोटाले मामले में गिरफ्तार किया है. 31 जनवरी को हेमंत राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा सौंपा था. उनके साथ चंपई सोरेन भी राजभवन गए थे. राज्यपाल को 43 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा गया, लेकिन राजभवन से शपथ ग्रहण को लेकर किसी प्रकार का कोई सूचना या समय नहीं दिया गया.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और संगठन मंत्री करमवीर सिंह ने बैठक की है. ये बैठक सूबे के राजनीतिक हालातों को देखते हुए बुलाई गई. झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब राज्य में 'ऑपरेशन कमल' की आहट दिखने लगी है. खबर है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को अपने विधायकों में टूट की डर से उन्हें तेलंगाना भेजने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि विधायकों को जल्द ही गठबंधन के 35 विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया जा सकता है.
जमीन घोटाल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और उनके इस्तीफा देने के बाद राज्य की राजनीति में कभी भी बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है. पहला उलटफेर ये कि सोरेन परिवार की कल्पना, सीता और बसंत सोरेन की जगह चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या फिर राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन में टूट हो सकती है, जिसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हो सकता है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में राष्ट्रपति शासन की भी आशंका जताई गई है.
बता दें कि झारखंड में सराकर बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है. 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में फिलहाल महागठबंधन (झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, वाम दल और राजद) के विधायकों की संख्या 47 है. वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के पास 30 विधायक हैं.